देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले पर सभी पुनर्विचार याचिकाएं खारिज कर दी हैं। डजानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट में कुल 19 याचिकाएं दाखिल की गई थीं। ये फैसला चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली 5 जजों की पीठ ने सुनाया है।
उल्लेखनीय है कि पीठ में चीफ जस्टिस के अलावा जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एसए नजीर और जस्टिस संजीव खन्ना शामिल थे। मालूम हो कि जस्टिस खन्ना को छोड़कर बाकी सदस्य मामले में फैसला देने वाली संविधान पीठ का हिस्सा थे। जस्टिस खन्ना को 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हुए सीजेआई रंजन गोगोई के स्थान पर शामिल किया गया है।
बता दें कि पुनर्विचार याचिकाएं दाखिल करने वालों में मोहम्मद सिद्दीक, फारूख अहमद, मौलाना मुफ्ती हसबुल्लाह, मिस्बाद्दीन, हाजी महबूब अहमद, मौलाना महफूजुर्रहमान हाजी असद अहमद, अखिल भारत हिंदू महासभा, शिया सेंट्रल बोर्ड, डॉक्टर मोहम्मद अयूब, तहरीक फारुख ए इस्लाम, अब्दुल अनीस अंसारी, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया ऑफ इंडिया दल चंद कपिल, अंबरीश कुमार व सम्राट प्रियदर्शी यूथ फाउंडेशन ऑफ इंडिया, इंडियन नेशनल लीग, प्रभात पटनायक के नाम शामिल हैं। इसके अलावा सहित 40 नामचीन हस्तियों ने सामूहिक रूप से पुनर्विचार याचिका दायर की थी।
गौरतलब है कि पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से 2.77 एकड़ विवादित भूमि रामलला को देने का फैसला सुनाया था। वहीं केंद्र और राज्य सरकार को सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन देने का निर्देश दिया था।