जब कोरोना वायरस के कहर से पूरे देश के लोग घरों में रहने को मजबूर है. लेकिन ऐसे वक्त में दिल्ली के निजामुद्दीन में 300 से 400 लोग मरकज़ (Markaz) धार्मिक समारोह के लिए जमा हुए थे. इनमें से कई लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं.
बता दें कि निजामुद्दीन के मरकज़ (केंद्र) में तबलीगी जमात का आयोजन किया गया, जिसमें कई देशों के लोग शामिल हुए थे. दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के मरकज को खाली कराने की ख़बर सामने आने के बाद सीएम योगी ने अपना गाजियाबाद और मेरठ के दौरे को बीच में ही छोड़ कर स्थिति पर नज़र रखना शुरू कर दिया है. इसके बाद मुख्यमंत्री ने खुद मरकज की लिस्ट भी जारी की और मरकज़ में शामिल देशी और विदेशी लोगों को ढूंढकर उनका कोरोना चेकअप करने का आदेश जारी किया गया.
इस आदेश के निकलते ही प्रयागराज डीएम भानु चंद्र गोस्वामी ने तेजी दिखाई और सीएम के अदेश के कुछ घंटों बाद ही मरकज़ में शामिल 9 उलेमाओं को प्रयागराज स्टेशन के पास स्थित मुसाफिर खाने से क्वारेनटाइन किया गया है. दरअसल,
निज़ामुद्दीन में मरकज़ में शामिल हुए 9 मौलाना प्रयागराज (इलाहाबाद) के अब्दुल्ला मस्जिद के मुसाफिर खाने में रुके थे . पुलिस को आज जब इन 9 मौलानाओं के बारे में इनपुट मिला तो एसएसपी, DM और कई थानों की फोर्स अब्दुल्ला मस्जिद पहुचीं. पूछताछ में पता चला कि ये सभी मौलाना यहां 22 जनवरी को आये, जिसमे 7 लोग इंडोनेशिया के हैं और एक केरल का है. बाकी वेस्ट बंगाल के हैं. एसएसपी और डीएम ने इन सभी 9 लोगों और इनके साथ रह रहे कुल 36 लोगों को क्वारेनटाइन किया गया.
जानकारी के अनुसार, सभी को कुछ दिनों तक आइसोलेट किया जाएगा और उनका स्वास्थ्य परीक्षण होगा. अफसरों का कहना है कि अभी आगे और पता किया जाएगा कि ये लोग अन्य किससे- किससे मिले थे.
मरकज़ और तबलीगी जमात का मतलब –
मरकज़ के मायने centre (केंद्र) होता है. तबलीग का मतलब है अल्लाह और कुरान, हदीस की बात दूसरों तक पहुंचाना. वहीं जमात का मतलब ग्रुप से है. तबलीगी जमात यानी एक ग्रुप की जमात. तबलीगी मरकज का मतलब इस्लाम की बात दूसरे लोगों तक पहुंचाने का केंद्र है.