Haryana: काले कानून (Kisan Aandolan) के विरोध की लहर हरियाणा तक पहुंच गई है। 16 दिन से सड़कों पर उतरे किसान झुकने का नाम नही ले रहे। आंदोलनकारियों की नाराजगी को देखते हुए बीजेपी की सहयोगी जननायक जनता पार्टी के लिए मुश्किले बढ़ती हुआ दिखाई दे रही है। अगर किसान आदोलन नही रुकता तो हिरयाणा में JJP की पार्टी को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। बता दें बीजेपी की सहयोगी पार्टी जननायक जनता पार्टी में भी कृषि कानूनों को लेकर हरियाणा में सरकार से अलग होने की मांग तेज होने लगी है। हाल ही में दुष्यंत चौटाला ने इस मुद्दे पर विधायकों के साथ बैठक (Kisan Aandolan) ली हैं।
रुझानों के बीच दुष्यंत चौटाला बोले- सत्ता की चाबी JJP के पास
अंग्रेजी अखबार ‘इंडियन एक्सप्रेस’ के अनुसार, हाल ही में हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) के नेतृत्व में जेजेपी विधायकों की एक बैठक हुई। जिसमे किसानों को लेकर चर्चा की गई थी। इस बीच बैठक में विधायकों ने दुष्यंत चौटाला से खट्टर सरकार से समर्थन वापस लेने की मांग कर दी है। रिपोर्ट के अनुसार, यह बैठक 8 दिसंबर को हुई। इस बैठक में पार्टी विधायकों से किसान आंदोलन का उनके क्षेत्र में असर, राज्यों को लोगों के बारे में फीडबैक लिया गया था।
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जेजेपी के 10 विधायक-
आपको बता दें कि इससे पहले शिरोमणि अकाली दल भी केंद्र की एनडीए सरकार से कृषि कानूनों को विरोध में सितंबर में ही अलग हो चुका है। हरियाणा में 2019 में विधानसभा चुनाव में बीजेपी बहुमत से कुछ सीटें पीछे रह गई थी, तब दुष्यंत के नेतृत्व वाली जेजेपी ने बीजेपी को समर्थन दिया था और राज्य में खट्टर सरकार की वापसी हो गई थी। दरअसल, 90 सीटों वाली हरियाणा विधानसभा में जेजेपी के 10 विधायक शामिल हैं।
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