कोरोना वायरस ने दुनिया भर में तबाही मचा रखी है, जबकि भारत इस महामारी के खिलाफ जंग में काफी हद तक जीत के नजदीक पहुंच चुका था, लेकिन बीते दिनों दिल्ली के निजामुद्दीन के मरकज में हुई तबलीगी जमात में आए लोगों ने कोरोना की जंग को कमजोर कर दिया है.
दरअसल, इस जमात में करीब 3000 हजार शामिल हुए. इसमें विदेशों से आए लोग भी शामिल थे. इस दौरान इन्होंने सोशल डिसटेंसिंग जैसे एहतियात को नजरअंदाज किया. इतना ही नहीं प्रशासन को जब ये बात पता लगी तो जमातियों के प्रशासन का सहयोग करने की बजाय खुद को छुपाने की कोशिश की.
ये जमाती दिल्ली के बहार भी कई शहरों में चले गए. जब ये जमाती पकड़े गए तो कई कोरोना संक्रमित पाए गए. जिससे देश में कोरोना संक्रमित मामलों में काफी इजाफा हुआ. ऐसे ही कुछ जमाती मौलानाओं की इस करतूत का ताजा मामला दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से आया है.
बता दें कि इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर रविवार को तकरीबन 8 संदिग्धों को इमिग्रेशन डिपार्टमेंट ने रोक लिया. बताया जा रहा है कि सभी संदिग्ध लोग स्पेशल फ्लाइट से मलेशिया जाने की फिराक में थे. इनके बारे में पता चला है कि सभी लोग दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में रह रहे थे. खबर के अनुसार, सभी लोगों ने निजामुद्दीन की मरकज में हिस्सा लिया था. जिन संदिग्ध लोगों को रोका गया है, वे सभी मलेशिया के हैं.
दरअसल, ये जमाती लोग रिलीफ फ्लाइट के तौर पर मेलिंडो एयरवेज की एक फ्लाइट दिल्ली से मलेशिया जाने वाली थी. इसी विमान ये सभी संदिग्ध सवार होने वाले थे. मालूम हो कि दिल्ली में तबलीगी जमात के मरकज में पहुंचे 500 लोग अभी अस्पताल में हैं. 1,800 क्वारनटीन में हैं. सभी का टेस्ट किया जा रहा है. ऐसे में दिल्ली में कोरोना के मामले और बढ़ सकते हैं.
टेस्ट की रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा कि दिल्ली में मरकज के कारण कोरोना संक्रमण का दायरा कहां तक पहुंचा है. दिल्ली पुलिस के अनुसार, मरकज में जो लोग शामिल थे, उनमें विदेशी मूल के लोग भी थे. इन लोगों ने कई जगहों पर सफर किया है, जिससे कोरोना का प्रकोप और बढ़ गया है.
विदेशी मूल के लोगों ने भी देश के कई इलाकों में छिपने की कोशिश की. हालांकि, कुछ विदेश लोगों को पुलिस की मदद से बाहर निकाल कर क्वारनटीन किया गया. इन लोगों की वजह से कई राज्यों में संक्रमण फैला है. पुलिस लगातार इस मामले पर काम कर रही है.