बिहार विधानसभा में गुरुवार को नीतीश कुमार सरकार ने जाति आधारित जनगणना कराने के पक्ष में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर दिया है. इस प्रस्ताव में केंद्र सरकार से मांग की गई है कि आगामी वर्ष 2021 में जाति आधारित जनगणना हो. मालूम हो कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लंबे वक्त से जाति आधारित जनगणना की मांग करते आ रहे हैं.
Bihar assembly passes unanimous resolution in favour of caste-based census. pic.twitter.com/L6uLjZ3cIc
— ANI (@ANI) February 27, 2020
राष्ट्रीय जनता दल (RJD), कांग्रेस समेत सभी विपक्षी पार्टियों ने जाति आधारित जनगणना मुद्दे पर नीतीश का साथ दिया है. मुख्यमंत्री ने मंगलवार को सदन में अपील की थी कि नई जनगणना होने वाली है, जिसमें जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए. उन्होंने कहा, एक बार फिर से सदन इस आशय का प्रस्ताव पारित करे.
गौरतलब कि 21 जनवरी 2019 को लोकसंवाद में नीतीश कुमार ने कहा था, ‘किस जाति के लोगों की कितनी संख्या है, ये मालूम होना चाहिए. देश में जनसंख्या के अनुरूप आरक्षण का प्रावधान हो, इससे अच्छी बात कोई नहीं हो सकती.
देश में 1931 के बाद जाति आधारित जनगणना नहीं हुई है… जनगणना अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और धर्म के आधार पर हुई है. इसी तर्ज पर 2021 में सभी जातियों की जनगणना होनी चाहिए. जनगणना के समय लोगों से उनकी जाति पूछनी चाहिए. सीएम ने कहा, जातियों की वास्तविक संख्या का पता लगना चाहिए. जिससे सरकार को योजना बनाने में आसानी होगी…