New Delhi: आज सावन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या है। सोमवार को होने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) कहा जाता है और इस बार तो यह श्रावण मास आज सोमवार को पड़ रही है। इसे श्रावण मास में पड़ने वाले अमावस्या को हरियाली अमावस्या भी कहते हैं। सावन के सोमवार भगवान शिव को समर्पित हैं इसलिए सावन में पड़ने वाली सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) का महत्व और भी बढ़ जाता है।
कई सालों बाद ऐसा हो रहा है जब हरियाली अमावस्या और सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) एक ही दिन पड़ रहे है। इसके साथ ही सोमवार के दिन अमावस्या भी 16 साल बाद पड़ रही है। ऐसा संयोग साल 2004 में सावन माह के पुरुषोत्तम मास में पड़ा था। इस साल दो बार सावन महीना पड़ा था। जिसेक दूसरे सावन माह में सोमवती अमावस्या का संयोग बना था। इस दिन भगवान शंकर और माता पार्वती सहित अन्य देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करने से हर तरह की मनोकामना का पूर्ति होती है।
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सावन सोमवार और सावन की सोमवती अमावस्या को पूजा-पाठ करने और जलाभिषेक का विशेष फल प्राप्त होता है। बहुत से भक्त भगवान शिव की कृपा पाने के लिए सोमवती अमावस्या को व्रत भी रखते हैं। अमावस्या को महिलाएं तुलसी/पीपल के पेड़ की 108 परिक्रमा भी करती हैं। कई इलाकों पर अमावस्या के दिन पितर देवताओं की पूजा करने और श्राद्ध करने की भी परंपरा है। मान्यता है कि इससे अज्ञात तिथि पर स्वर्गलोकवासी हुए पूर्वजों को मुक्ति मिलती है।
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पहला यदि काम नहीं बन पा रहे हों, अड़चनें आ रही हों तो सावन की सावन की सोमवती अमावस्या को शिवलिंग पर कच्चे दूध और दही से अभिषेक करने से विशेष लाभ होता है। आज के दिन नदी या किसी सरोवर में स्नान करके दान पुण्य किया जाता है। साथ ही अपने पूर्वजों के लिए तर्पण, श्राद्ध कर्म भी कराया जाता है।