Shardiya Navratri 2021: इस दिन से शुरू होंगे Shardiya Navratri, जानें तिथि, विधि और महत्व

Shardiya Navratri 2021. हिन्दू धर्म में माँ दुर्गा के लिए साल में दो बार नवरात्री का पर्व आता है जिसमे ये पर्व हम माँ दुर्गा को समर्पित करते है।

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Navratri 2021
Shardiya Navratri 2021 शारदीय नवरात्री कब है ,क्या है तिथि, विधि और महत्व ?

Shardiya Navratri 2021. हिन्दू धर्म में माँ दुर्गा के लिए साल में दो बार नवरात्री (Navratri) का पर्व आता है जिसमे ये पर्व हम माँ दुर्गा को समर्पित करते है। दो बार छह माह की अवधि के अंतराल पर नवरात्रि (Navratri) आती हैं। इस बार शारदीय नवरात्रि 7 अक्टूबर 2021 दिन बृहस्पतिवार से आरंभ हो रही हैं। शारदीय नवरात्री पूरे 9 दिन तक तक मनाई जाती है और पूरे 9 दिन माँ जगदम्बा का पूजन किया जाता है, साथ ही आदिशक्ति जगदम्बा का व्रत रखा जाता है।

शारदीय नवरात्री की मान्यता ये है की इन नौ दिनों तक मातारानी पृथ्वी पर आती हैं और अपने भक्तों की मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं और उनके दुखों को हर लेती हैं। नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री माता की पूजा अर्चना की जाती है।

माँ दुर्गा की प्रतिपदा तिथि घटस्थापना का शुभ
मुहूर्त 

बता दें की प्रतिआदा तिथि के अनुसार अश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि आरंभ- 06 अक्टूबर 2021 दिन बृहस्पतिवार को शाम 04 बजकर 34 मिनट से लेकर अश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि समाप्त- 07 अक्टूबर 2021 दिन शुक्रवार दोपहर 01 बजकर 46 मिनट पर घटस्थापना मुहूर्त- 07 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 17 मिनट से 07 बजकर 07 मिनट तक।

Shardiya Navratri की घटस्थापना विधि

  • माता की चौकी लगाने के लिए उत्तर-पूर्व में एक स्थान को साफ कर लें और गंगाजल से शुद्ध करें।
  • एक लकड़ी की चौकी बिछाकर उस पर लाल रंग का साफ कपड़ा बिछाकर माता रानी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
  • अब सबसे पहले गणेश जी का ध्यान करें कलश स्थापित करने की विधि आरंभ करें।
  • नारियल में चुनरी लपेट दें और कलश के मुख पर मौली बांधे।
  • कलश में जल भरकर उसमें एक लौंग का जोड़ा, सुपारी हल्दी की गांठ, दूर्वा और रुपए का सिक्का डालें।
  • अब कलश में आम के पत्ते लगाकर उसपर नारियल रखें।
  • अब कलश को मां दुर्गा की प्रतिमा की दायीं ओर कलश को स्थापित करें।
  • अब दीपक प्रज्वलित करके पूजा आरंभ करें।

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