छोटी दिवाली को क्यों कहा जाता है नरक चतुर्दशी, क्यों महिलाएं इस दिन करती हैं 16 श्रृंगार, जानें

दीपावली से एक दिन पहले छोटी दीपावली मनाई जाती है। इस दीपावली को नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है। इस बार छोटी दीपावली यानि कि नरक चतुर्दशी 26 अक्टूबर को मनाई जाएगी। छोटी दीवाली के दिन भगवान श्रीकृष्ण, बजरंगबली और यमराज की पूजा की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन पूजा करने से मनुष्य नरक में जाने से बच जाता है।

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नई दिल्ली: दीपावली से एक दिन पहले छोटी दीपावली मनाई जाती है। इस दीपावली को नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है। इस बार छोटी दीपावली यानि कि नरक चतुर्दशी 26 अक्टूबर को मनाई जाएगी। छोटी दीवाली के दिन भगवान श्रीकृष्ण, बजरंगबली और यमराज की पूजा की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन पूजा करने से मनुष्य नरक में जाने से बच जाता है। चलिए जानते हैं इस दिन की क्या है मान्यता-

इसलिए कहा जाता है नरक चतुर्दशी

दरअसल, ऐसा विधान है कि इस दिन जो व्यक्ति पूजा करता है तो वह नरक में जाने से बच जाता है, इसलिए इस दिन को नरक से मुक्ति दिलाने वाला पर्व कहा जाता है। इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था। इसलिए इस चतुर्दशी का नाम नरक चतुर्दशी पड़ा।

नरकासुर को मिला हुआ था शाप

नपकासुर से सभी देवी-देवता तक परेशान थे। नरकासुर को एक स्त्री के हाथों मरने का शाप था। इसलिए उसे खत्म करने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा को सारथी बनाकर उनकी सहायता से कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को नरकासुर का वध किया। तभी से इस दिन को नरक चतुर्दशी कहा जाने लगा।

महिलाएं के 16 श्रृंगार करने की मान्यता

भगवान कृष्ण ने इस दिन नरकासुर का वध कर 16 हजार कन्याओं को उससे मुक्त कराया और समाज में उन्हें सम्मान दिलाने के लिए उनसे विवाह करके उनका उद्धार किया। इस खुशी में महिलाएं इस दिन 16 श्रृंगार करती हैं। मान्यता के अनुसार इस दिन जल में औषधि मिलाकर स्नान करने से सौन्दर्य और सौभाग्य बढ़ता है।

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