ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में क्रिसमस डे (Merry Christmas 2021) 25 दिसंबर को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यीशु का जन्मदिन इसी दिन दुनिया भर में मनाया जाता है। नए उत्सव की भावना की नयी शुरुआत और साल के अंत के त्यौहार के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन ईसाई लोग एक विशेष प्रार्थना करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि यीशु का जन्मदिन इसी दिन (25 December ) क्यों मनाया जाता है, आइये जानते हैं इसके बारे में पूरा इतिहास…
क्रिसमस डे का इतिहास
ईसाई धर्म का सबसे पवित्र धर्मग्रन्थ बाइबिल है जिसमें ईसा मसीह के जन्मदिन यानि 25 दिसंबर का कोई उल्लेख नहीं किया गया है। इस तारीख को लेकर कई बार विवाद भी हो चुका है। इससे त्योहार से मान्यताएं भी जुडी हुई हैं। एक मान्यता के अनुसार जो की ईसाई धर्म के पहले सम्राट थे उन्होंने 336 ईसा पूर्व यानि आज ही के दिन पहला क्रिसमस डे (Merry Christmas 2021) मनाया था। उसके बाद पॉप जूलियस (pope julius) जो की द्वितीय कैथोलिक चर्च के प्रमुख थे। जिन्होंने आधिकारिक तौर पर इसकी घोषणा कर दी।
एक और मान्यता के मुताबिक मां मरियम के 25 मार्च को गर्भाधान के बारे में बताया की ये एक बच्चे को जन्म देगी जिसका नाम जीसस होगा। 25 मार्च के बाद 25 दिसम्बर को 9 महीन होते है, इसी मान्यता को 25 दिसंबर को ईसा मसीह का जन्मदिन मनाया जाता है। इसी तरह से कई और भी मान्यताएं हैं।
कई दिनों तक चलता है क्रिसमस डे
ईसा मसीह का जन्मदिन हर जगह खुशी लेकर आता है। प्यार और एकता की भावनाओं का प्रतीक है। ये त्यौहार लगभग 12 दिनों तक चलता है। 25 दिसंबर के 6 जनवरी के बीच 12 दिनों को क्रिसमस डे के रूप में मनाते हैं। दुनिया में सभी देशों की तरह भारत में भी ये हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता हैं। इस दिन ट्री मार्किट भी लगता है और सब जगह लाइटों से सजाया जाता है। पुरे साल कोई कहीं भी रहे लेकिन ये एक दिन ऐसा है जिस दिन सब अपने परिवार दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ अपनी खुशियां बांटते हैं। सबसे ज्यादा उत्साहित बच्चे होते है जिनको सेंटाक्लॉस से आज के दिन नए-नए तोहफे मिलते हैं। पौराणिक गाथाओं के अनुसार एक सेंटाक्लॉस आता है जो बच्चों को नए खिलौने देता है।
मज़ेदार और दिलचस्प बनाने वाली परंपराओं को जानें
- क्रिसमस ट्री को सजाना
- कुकीज पकाना, फैमिली आउटिंग और कार्ड बनाना