नई दिल्ली: दिवाली के 6 दिन बाद छठ का पर्व मनाया जाता है। मुख्य रूप से बिहार में मनाए जाने वाले इस त्योहार की शुरुआत नहाय खाय से हो जाती है। इस बार छठ पर्व 2 नवंबर को मनाया जा रहा है, जिसकी शुरुआत 31 अक्टूबर को नहाय खाय से हो जाएगी। चलिए जानते हैं छठ पूजा के त्योहार के बारे में सब कुछ-
पहला दिन
छठ पूजा का त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से शुरू हो जाता है, जो सप्तमी तक चलता है। छठ पूजा की शुरुआत के पहले दिन नहाय खाय के रूप में होती है। इस दिन जो व्रत रखता है वह नहा-धोकर सूर्य देव की उपासना करके शुद्ध शाकाहारी भोजन ग्रहण करते हैं।
दूसरा दिन
दूसरे दिन खरने के रूप में मनाया जाता है। इस दिन निर्जला उपवास रखा जाता है। शाम को सूर्य की पूजा के बाद गुड़ की खीर और चावल का पिठ्ठा बनाया जाता है और प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है।
तीसरा दिन
छठ पूजा के तीसरे दिन सूर्य देव की विशेष पूजा की जाती है। इस दिन पूजा के लिए बांस की टोकरी में कई तरह के प्रसाद और फल रखे जाते हैं और घाट पर स्नान करके डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है।
चौथा और आखिरी दिन
छठ पूजा के आखिरी दिन सुबह सवेरे ही उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और छठी मइय्या की आराधना की जाती है। इस दिन छठी मइय्या की कृपा पाने के लिए प्रचलित गीत गाए जाते हैं। इस दिन किसी भी घाट का नजारा देखते ही बनता है।
इस बार छठ पूजा का आरंभ 2 नवंबर के सूर्योदय सुबह 6 बजकर 33 मिनट से हो रहा है।