Chandra Grahan 2021: कब लगने वाला है अंतिम चंद्रग्रहण, किन राशियों पर पड़ेगा इसका असर…क्या होते हैं इसके मायने ?

दुनिया पर कई जगाहों पर आखिरी चंद्र ग्रहण पड़ने वाला है। ये ग्रहण 19 नवंबर को पड़ेगा। किन राशियों पर पड़ोगा इसका असर

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Chandra Grahan 2021
Chandra Grahan 2021: दुनिया पर कई जगाहों पर आखिरी चंद्र ग्रहण पड़ने वाला है। ये ग्रहण 19 नवंबर को पड़ेगा। किन राशियों पर पड़ोगा इसका असर

दुनिया पर कई जगाहों पर आखिरी चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2021) पड़ने वाला है। ये ग्रहण 19 नवंबर को पड़ेगा। जानकारों का कहना है कि इस आंशिक चंद्र ग्रहण की अवधि बहुत लंबी होगी और तकरीबन 580 साल बाद ये चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। धार्मिक मान्यताओं की माने तो चंद्र ग्रहण लगना अशुभ माना जाता है। ये भी कहा जाता है कि जिस दिन चंद्र ग्रहण होता है कोई भी शुभ काम नहीं करना चाहिए। इतना ही नहीं ग्रहण के वक्त बाहर नहीं निकलना चाहिए। इस दिन ज्यादा ये ज्यादा भगवान पूजा करनी चाहिए ताकि दिक्कतों का सामना न करना पड़े। आइए जानते है किन राशियों पर ये ग्रहण ज्यादा असर करने वाला है।

वृषभ राशि (Taurus)

चंद्र ग्रहण वृषभ राशि में ही लग रहा है। सबसे ज्‍यादा असर इसी राशि के जातकों पर पड़ेगा। ज्योतिषियों के अनुसार इस दौरान पैसों के लेनदेन को लेकर पूरी तरह सर्तक हो जाए। इसके साथ ही सेहत का ध्यान रखना बेहद जरुरी है।  

 

मेष राशि (Aries)

मेष राशि के लिए भी ग्रहण दिक्कत देगा। इस राशि के लोगों को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आर्थिक हानि होने की संभावना है। धन का निवेश करने से बच जाए, किसी को भी उधारी न दें, इससे आपका ही नुकसान होगा। 

कुंभ राशि: (Aquarius)

जातकों को शत्रुओं से हानि हो सकती है। किसी को बिना जाने भरोसा न करें, नुकसान हो सकता है। इस दौरान सतर्कता बरतना ही बेहतर होगा। पॉजिटिव सोच रखे जिससे आपको आगे चलकर परेशानी न झेलना पड़े। 

मीन राशिः (Pisces)

मीन राशि के जातकों का पुराना रोग फिर से वापस आ सकता है। अपनी सेहत का ध्‍यान रखें। ज्यादा खर्च करने से बचें, किसी भी काम में जल्‍दबाजी करने से बचें। 

तुला राशिः (Libra)

चंद्र ग्रहण के दौरान तुला राशि के कई काम अटक सकते है। इस दौरान अपने पार्टनर का ध्‍यान रखें और किसी से ज्यादा बहस न करें। खासतौर से पार्टनर से विवाद आपके लिए परेशानी खड़ी कर सकता है। 

चंद्र ग्रहण लगने का समय क्या है ?

19 नवंबर को आंशिक चरण सुबह 11:34 बजे शुरू होगा और 05:33 बजे खत्म हो जाएगा। इस साल की शुरुआत में, एक और चंद्र ग्रहण हुआ था, जिसे “सुपर फ्लावर ब्लड मून” कहा गया था। आइए जानते हैं कि चन्द्र ग्रहण कितने प्रकार के होते है और किसके क्या मायने होते है।

पूर्ण चंद्रग्रहण (Total Lunar Eclipse)

पूर्ण चंद्र ग्रहण काल माना जाता है। इसमें ग्रहण लगने के समय 12 घंटे पहले सूतक लगता है। इसमें पृथ्वी अहम मानी जाती है। जिसमें पृथ्वी चांद को पूरी तरह से ढक लेती है। इस ग्रहण में चांद का रंग भी बदल जाता है और लाल रंग का हो जाता है। ज्योतिष के अनुसार पूर्ण चंद्र ग्रहण सबसे प्रभावशाली माना जाता है।

उपच्छाया चंद्रग्रहण (Penumbral Lunar Eclipse)

ये चंद्र ग्रहण पृथ्वी की छाया बनकर काम करता है। इस ग्रहण में चंद्रमा के आकार पर किसी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ता है। इसमें चांद की रोशनी में हल्का सा धुंधलापन देखने को मिलता है। जिसमें ग्रहण को पहचानना मुश्किल हो जाता है।

आंशिक चंद्रग्रहण (Partial Lunar Eclipse)

आंशिक चंद्र ग्रहण भी कई बार पड़ता हुआ दिखा है। ये ग्रहण वो होता है जब सूरज और चांद के बीच पृथ्वी पूरी तरह छा जाती है। ये वाला ग्रहण कम वक्त के लिए लगता है। लेकिन इसमें सूतक के सारे नियमों का पालन करना होता है। 

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