Madhya Pradesh: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने आज अपने मंत्रिमंडल विस्तार (Cabinet Expansion) किया. शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल में आज 28 नए मंत्री शामिल हुए. जिसमें 20 कैबिनेट मंत्री, 8 राज्य मंत्री शामिल हैं. इनमें गोपाल भार्गव, विजय शाह, यशोधरा राजे सिंधिया समेत कई बड़े नेता शामिल रहे. 23 मार्च को अकेले मुख्यमंत्री ने शपथ ली थी और कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन के बीच मुख्यमंत्री चौहान 29 दिन तक अकेले ही सरकार चलाते रहे.
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महामारी के चलते नई सरकार बनने के बाद ये पहला मंत्रिमंडल विस्तार (Cabinet Expansion) है, जिसमें कांग्रेस से भाजपा में ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों की छाप दिखी. शपथ ग्रहण में खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद रहे. कैबिनेट विस्तार से पहले शिवराज ने दिल्ली आकर शीर्ष नेतृत्व के साथ मंथन किया था.
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28 मंत्रियों की लिस्ट में एक बात गौर करने वाली यह है कि इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खास लोगों को मदद जगह नहीं मिली है. मध्य प्रदेश कैबिनेट के 28 मंत्रियों की सूची में भूपेंद्र सिंह, जगदीष देवड़ा, विश्वास सारंग और विजय शाह केवल ऐसे चेहरे हैं जो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खेमे से हैं। इसके आलावा ओपी एस भदौरिया, शपथसुरेश धाकड़, गिर्राज दंडोतिया,ब्रजेंद्र सिंह, रामकिशोर कांवरे, राम खिलावन, इंदर सिंह परमार, भारत सिंह कुशवाह जैसे नेताओं ने शपथ ली।
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नेट के दूसरे विस्तार समारोह में शामिल हुए. सिंधिया खेमे के करीब 12 विधायकों को कैबिनेट में जगह पाने वाले 28 मंत्रियों में शामिल किया गया है. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कैबिनेट विस्तार से पहले एक ट्वीट कर कहा कि, ‘अन्याय के खिलाफ छेड़ा गया संघर्ष ही धर्म है. बता दे कि मध्य प्रदेश में सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) की वजह से ही BJP की सरकार बनी है. यही कारण है कि शिवराज मंत्रिमंडल में सिंधिया समर्थकों को पर्याप्त महत्व दिया गया है. सिंधिया के BJP में जाने से जहां एक ओर कांग्रेस को बड़ा नुकसान हुआ है, वहीं BJP को एक बेहतर नेतृत्व मिल गया है.