Delhi: चीन (China) के बाद नेपाल (Nepal) भी भारतीय सीमा (India-Nepal Border) तक सड़कों का जाल बिछाने में जुट गया है। नेपाल के दार्चुला जिले के छांगरू-तिंकर के साथ ही सीमा से सटे अन्य गांवों के लिए भी तेजी से सड़कें बनाई जा रही हैं। भारत (India) की सीमा से लगे नेपाली क्षेत्र दार्चुला के अलावा बैतड़ी में भी एक दर्जन से अधिक सड़कों का निर्माण जारी है। इनमें से कई सड़कें भारत की सीमा बनाने वाली महाकाली नदी के किनारे बसे गांवों के लिए बन रही हैं। तीनों जिलों में केवल चंपावत जिले के बनबसा में ही मोटर पुल है, जबकि पिथौरागढ़ जिले में झूलाघाट से लेकर कालापानी में स्थित सीतापुल तक झूला पुलों से ही आवागमन होता है।
नेपाल के 10 इलाकों पर चीन का अतिक्रमण
उत्तराखंड (Uttarakhand) के पिथौरागढ़ (Pithoragarh), चंपावत (Champawat) और उधम सिंह नगर (Udham Singh Nagar) जिलों की सीमाओं से लगी भारत-नेपाल सीमा (India-Nepal Border) की लंबाई पिथौरागढ़ जिले में सबसे अधिक लगभग डेढ़ सौ किलोमीटर है। उत्तराखंड से नेपाल (Nepal) की 275 किलोमीटर लंबी सीमा लगी है। उत्तराखंड (UK) के पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी जिलों की 350 किलोमीटर लंबी सीमा चीन से लगी है, जबकि इन जिलों की सीमाओं तक चीन पहले ही हाइटेक सड़कें बना चुका है।
जानकारी है कि नेपाल की योजना सीमा से लगे अधिक से अधिक गांवों को यातायात सुविधा से जोड़ने की है। भारतीय क्षेत्र धारचूला से लगे दार्चुला के छांगरू, तिंकर के साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कों का जाल बिछ जाने के बाद भारतीय सीमा पर नेपाली सुरक्षा बलों की पहुंच आसान हो जाएगी। भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव समेत नेपाल में बन रहे भारत विरोधी माहौल के चलते धारचूला से कालापानी तक सशस्त्र सीमा बल भी अपने जवानों की तैनाती बढ़ा रहा है। धारचूला से आगे नेपाल सीमा पर कालापानी तक भारत में एसएसबी की एलागाड़, पांगला, मालपा, लामारी, बूंदी, गर्ब्यांग और कालापानी में कंपनी तैनात है।
सामान्यतया इन कंपनियों में 130 से 140 तक जवान रहते हैं लेकिन इन दिनों हालात को देख इन कंपनियों में जवानों की संख्या को कहीं दोगुना, तो कहीं ढाई गुना तक कर दिया गया है। नेपाल के दार्चुला क्षेत्र के छांगरु में चीन सीमा पर आइटीबीपी की गुंजी, कालापानी, ऊं पर्वत, लिपुलेख में स्थित पोस्टों सहित कुटी, ज्योलिंगकोंग में भी जवानों की संख्या बढ़ाई गई है। जोहार से लगी सीमा पर भी आइटीबीपी और सेना के जवानों की संख्या बढ़ा कर दोनों बलों को अलर्ट पर रखा गया है।
अब नेपाल ने भारत के इस हिस्से पर ठोका अपना दावा
सशस्त्र बल की बॉर्डर आउट पोस्ट शुरू करने के बाद अब नेपाल भारतीय क्षेत्र गुंजी के उस पार नेपाली क्षेत्र में सशस्त्र बल की आउटपोस्ट बनाने की तैयारी कर रहा है। नेपाल के छांगरु, तिंकर गांव और बीओपी चौकी तक पहुंचने के लिए उसे भारत के रास्ते नहीं जाना पड़े, इसलिए उसने नेपाल ने घाटीबगड़ के निकट 200 मीटर लंबा पैदल मार्ग पखवाड़े भर में तैयार कर दिया है।