नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन बिल सोमवार को देर रात लोकसभा में पास हो गया। लंबे समय तक इस बिल पर चली बहस के बाद रात करीब 12 बजे इस विधेयक को मंजूरी दे दी गई। लोकसभा के बाद अब राज्यसभा में इस बिल को पेश किया जाना है। इस बिल को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की असली परीक्षा राज्यसभा में होगी।
नागरिकता संशोधन बिल के पक्ष में लोकसभा में 311 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में 80 वोट पड़े। बताया जा रहा है कि बुधवार को इस बिल को राज्यसभा में पेश किया जाना है। वैसे राज्यसभा में इस बिल को पास कराना मोदी सरकार के लिए आसान नहीं होगा।
बता दें कि राज्यसभा में एनडीए के पास कुल 106 राज्यसभा सांसद हैं। इनमें बीजेपी के 83, जेडीयू के 6, शिरोमणी अकाली दल के 3, RPI का 1 और अन्य दलों के 13 सदस्य शामिल हैं। वहीं, यूपीए की बात करें तो उसके पास कुल 62 राज्यसभा सांसद हैं, जिनमें कांग्रेस के 46, आरजेडी के 4, एनसीपी के 4, डीएमके के 5 और अन्य के 3 सांसद शामिल हैं।
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क्या है नागरिकता संशोधन बिल का प्रावधान
नागरिकता संशोधन बिल के अनुसार पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक रूप से प्रताड़ित किए हुए हिंदू शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। इनमें हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन, इसाई और पारसी धर्म के शरणार्थी शामिल हैं। विपक्ष शुरू से ही इस विधेयक का विरोध कर रहा है।