26 की उम्र में सांसद और 45 की उम्र में CM बनने तक, ऐसा है योगी आदित्यनाथ का सियासी सफर

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लखनऊ: देश के सबसे बड़े सूबे यानि कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 5 जून को 48 साल के हो गए हैं। महज 26 साल की उम्र में सांसद बनने वाले सीएम योगी का सियासी सफर काफी दिलचस्प रहा है। सियासत के जगत में उन्हें हिंदुत्व के बड़े चेहरे के तौर पर जाना जाता है।

उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में हुआ जन्म

सीएम योगी का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के पंचूर गांव में 5 जून 1972 को हुआ था। उनके पिता का नाम आनंद सिंह बिष्ट और माता का नाम सावित्री देवी है। सीएम योगी का नाम अजय सिंह बिष्ट था, जो उन्होंने गोरखपुर पहुंचकर योगी आदित्यनाथ हो गया।

उन्होंने 1989 में ऋषिकेश के भरत मंदिर इंटर कॉलेज से 12वीं पास की और 1992 में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से गणित में बीएससी की पढ़ाई पूरी की। छात्र जीवन में ही वह राम मंदिर आंदोलन में शामिल हो गए थे। राम मंदिर के आंदोलन के दौरान ही योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ से मिले थे।

गोरखपुर आकर बने महंत

इसके बाद वह बिना अपने परिवार को बताए गोरखपुर चले गए और संन्यास धारण करने का निश्चय लिया। यहां महंत अवैद्यनाथ ने अजय सिंह बिष्ट को योगी आदित्यनाथ बनाने का काम किया। महंत अवैद्यनाथ ने ही सीएम योगी को गोरखनाथ मंदिर के महंत की गद्दी का उत्तराधिकारी बनाया और बाद में राजनीतिक उत्तराधिकारी भी बनाया।

महंत अवैद्यनाथ गोरखपुर से चार बार सांसद रहे, उसी सीट से योगी आदित्यनाथ भी 1998 में 26 वर्ष की उम्र में लोकसभा सदस्य बनें और फिर लगातार 2017 तक पांच बार सांसद रहे। सियासी जगत में तब तक योगी आदित्यनाथ की पहचान एक कठोर हिंदुवादी नेता के रूप में बन गई थी। उनके काम करने की शैली ने भी गोरखपुरवासियों को काफी प्रभावित किया और वहां योगी का वर्चस्व रहा।

हिंदू युवा वाहिनी बनाई
सीएम योगी को गायों से शुरुआत से काफी प्रेम रहा है। इस गौ प्रेम और हिंदुवादी गतिविधियों से निपटने के लिए उन्होंने अपनी निजी सेना हिंदू युवा वाहिनी का निर्माण किया।

45 की उम्र में बने सबसे बड़े प्रदेश की सीएम
साल 2017 में जब भारतीय जनता पार्टी बहुमत से जीती तो पार्टी ने कठोर छवि और हिंदुत्व का चेहरा माने जाने वाले योगी आदित्यनाथ पर भरोसा जताया और उन्हें प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया। यूपी में कई सालों बाद एक बार फिर बीजेपी का सूर्योदय हुआ था, ऐसे में कई चर्चित चेहरे सीएम पद के दावेदार थे, लेकिन पार्टी ने योगी आदित्यनाथ को चुना और इस तरह सिर्फ 45 की उम्र में योगी आदित्यनाथ यूपी के सीएम बने।

3 साल के कार्यकाल में लिए कई चौंकाने वाले फैसले

अपने तीन साल के कार्यकाल में सीएम योगी ने कई ऐसे फैसले लिए हैं, जिनसे उनकी लोकप्रियता काफी बढ़ी है। उनकी लोकप्रियता बढ़ने की वजह ये भी है कि वह जनता से ‘जनता दरबार’ में सीधा संवाद करते हैं और उनकी समस्या सुनकर उनको निपटाने का आश्वासन देते हैं।

नोएडा आने के मिथक को तोड़ा

हालांकि, उनके कई फैसलों पर विपक्ष ने सवाल खड़े किए, लेकिन उन्होंने लगातार आगे बढ़ते हुए तीन साल का कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरा किया और नोएडा आने जैसे कई मिथकों को तोड़ा। दरअसल, कहा जाता है कि यूपी का सीएम रहते जो भी नेता नोएडा आता है, उसकी सत्ता गिर जाती है, लेकिन सीएम योगी एक-दो बार नहीं बल्कि कई बार नोएडा आए और इस मिथक को तोड़ दिया। अभी सीएम योगी के कार्यकाल के 2 साल रह गए हैं, देखना होगा कि इन दो सालों में सीएम योगी और क्या चौंकाने वाले फैसले लेते हैं।

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