विशाखापट्टनम गैस लीक हादसा? शुरुआती जांच में सामने आई ये बात …

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विशाखापट्टनम

विशाखापट्टनम गैस लीक हादसे में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. अब तक ये आंकड़ा 10 हो गया है. शुरुआती जांच के अनुसार, गुरुवार सुबह 2.30 बजे गैस वॉल्व खराब होने से जहरीली गैस लीक कर गई. अब भी मामले की जांच जारी है.

मामले की प्रारंभिक जांच कर रहे एक सीनियर अधिकारी के हवाले से जानकारी है कि गैस के लिए वॉल्व नियंत्रण को ठीक से संभाला नहीं गया था और वे फट गए, जिससे रिसाव हुआ. वहीं कहा जा रहा है कि फैक्ट्री के आसपास के इलाकों के लोगों ने फैक्ट्री का कोई सायरन नहीं सुना. जिससे हादसे की चपेट में ज्यादा लोग आ गए.

मालूम हो कि विशाखापट्टनम में एक फैक्ट्री के प्लांट से हुए गैस रिसाव से आस-पास का जन-जीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. जहरीली गैस के कारण दम घुटने से लोगों में अफरा-तफरी मच गई. सड़कों पर लोग बेहोश होकर गिरने लगे. गैस कांड में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि करीब 316 लोग अस्पतालों में भर्ती हैं.

जानकारी के अनुसार, हादसे के वक्त प्लांट में करीब 2 हजार लोग मौजूद थे. गैस फैलने पर जब सांस उखड़ने लगी तो लोग भागने लगे. इस दौरान कुछ लोग पास के नाले में भी गिर गए, तो कई लोग सड़कों पर बेहोश हो गए. इस वजह से राहतकर्मियों को पहुंचने में परेशानी का सामना करना पड़ा.

जहरीली गैस का असर सबसे अधिक बच्चों और बुजुर्गों पर देखा गया. आसपास के अस्पतालों में गैस से बीमार हुए लोग भरे हैं… गैस का असर करीब तीन किलोमीटर के दायरे में देखा गया. इसका असर ऐसा था कि आसपास के इलाके के कई मवेशी भी बेहोश हो गए. सुबह 10 बजे के करीब गैस के रिसाव पर काबू पाया गया.

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