आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश पर लोकसभा में विपक्ष ने केंद्र सरकार को घेरा है। वहीं, सरकार ने भी अपना पक्ष रखते हुए लोकसभा में बोला। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकरिता मंत्री थावर चंद्र गहलोत ने कहा है कि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा करेगी।
Congress MPs walk out from Lok Sabha after Union Minister Thaawar Chand Gehlot said, “The case arised due to Uttarakhand Government’s 2012 decision to not implement reservation in promotions, in the state. In 2012 Congress was in power in Uttarakhand”. https://t.co/YW140YgTb3 pic.twitter.com/yex6203Yb3
— ANI (@ANI) February 10, 2020
इस मामले में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह आदेश 2012 के उत्तराखंड सरकार के फैसले पर दिया गया है, जब राज्य में कांग्रेस की सरकार थी। वहीं जब इस मामले पर लोकसभा में जब थावर चंद्र गहलोत सरकार का पक्ष रख रहे थे उस समय कांग्रेस के सभी सांसदों ने सदन का बहिष्कार करते हुए बाहर चले गए।
Social Justice & Empowerment Minister Thaawar Chand Gehlot in Lok Sabha on SC decision that reservations for jobs, promotions, is not fundamental right: Govt is holding high level discussions on the issue. I would like to make it clear that GoI was never made a party in the case. pic.twitter.com/PqTNMDElQN
— ANI (@ANI) February 10, 2020
सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा था कि प्रमोशन में आरक्षण न तो मौलिक अधिकार है और न ही राज्य सरकारें इसे लागू करने के लिए बाध्य है। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ ने अपने एक निर्णय में इस बात का जिक्र किया है। खंडपीठ ने कहा है कि प्रमोशन में आरक्षण नागरिकों का मौलिक अधिकार नहीं है और इसके लिए राज्य सरकारों को बाध्य नहीं किया जा सकता। इतना ही नहीं, कोर्ट भी सरकार को इसके लिए बाध्य नहीं कर सकता।