Delhi: कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के चलते लगाए गए लॉकडाउन के दौरान वाराणसी (Varanasi) के निवासियों और सामाजिक संस्थाओं ने जरूरतमंदों की मदद की थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अपने संसदीय क्षेत्र के ऐसे ही लोगों से रू-ब-रू हुए. इनसे बातचीत कर पीएम मोदी अपने अनुभव और उनके द्वारा लॉकडाउन के दौरान किए गए विभिन्न सामाजिक कार्यों को चर्चा द्वारा देश के सामने रखे.
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वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग दौरान पीएम मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा कि यह सावन का महीना है. ऐसे में वाराणसी (Varanasi) के लोगों के साथ बात करना भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने जैसा लगता है. यह भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद है कि कोरोना संकट (Coronavirus) के दौरान भी हमारा वाराणसी उत्साह से भरा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन सभी ने जिन्होंने इस कोरोना संकट के दौरान काम किया है, ऐसा नहीं है कि उन्होंने केवल अपनी जिम्मेदारियों को निभाया है. एक डर था, लेकिन ऐसी स्थिति में स्वेच्छा से आगे आना, यह सेवा का एक नया रूप है.
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पीएम मोदी ने कोरोना वायरस पर चर्चा करते हुए कहा कि 100 साल पहले भी इसी तरह की महामारी हुई थी. कहा जाता है कि तब भारत में जनसंख्या इतनी बड़ी नहीं थी. फिर भी उस समय भारत उन देशों में से एक था, जिसमें सबसे ज्यादा मौतें हुई थीं. इसीलिए इस समय पूरी दुनिया भारत के लिए चिंतित थी. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि विशेषज्ञ भारत पर सवाल उठा रहे थे, कह रहे थे कि इस बार भी स्थिति खराब हो जाएगी लेकिन क्या हुआ? 23-24 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश ने अपने लोगों के समर्थन के साथ इन सभी आशंकाओं पर काबू पाया.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के गैर सरकारी संगठन के प्रतिनिधियों से बात हुए कहा कि उत्तर प्रदेश ने न सिर्फ संक्रमण की गति को काबू में किया हुआ है बल्कि जिन्हें कोरोना हुआ है, वो भी तेजी से ठीक हो रहे हैं. इसकी बहुत बड़ी वजह आप सभी लोग हैं. उत्तर प्रदेश के समान जनसंख्या वाले ब्राजील जैसे विशाल देश में कोरोना वायरस के कारण लगभग 65,000 लोगों की मौत हुई है. जबकि उत्तर प्रदेश में लगभग 800 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. इसका मतलब है कि राज्य में कई लोगों की जान बच गई है.