नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के भारत के फैसले को मिल रहे वैश्विक समर्थन से पाकिस्तान अब खुद को अंतराष्ट्रीय स्तर पर पूरी तरह से अलग-थलग महसूस कर रहा है। कश्मीर में मध्यस्थता को लेकर तमाम कोशिशों के बावजूद पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पे सिर्फ निराशा ही हाथ लगीं है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेस में कहा की वह कश्मीर मुद्दे पर अंतराष्ट्रीय समुदाय से काफी निराश है।
कश्मीर मुद्दे पर हर तरफ मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान की बौखलाहट अब खुल के सामने आ गई है. पाकिस्तानी हुक्मरानों ने भारत को अस्थिर करने के लिए एक बार फिर आंतकी संगठनो का सहारा लेना शुरू कर दिया है. सूत्रों के अनुसार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने आंतकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद को भारत में हमले की जिम्मेदारी सौंपी है। भारतीय खुफिया एजेंसियों की मुताबिक जैश के आतंकी भारत में हमला करने की फिराक में हैं।
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सूत्रों ने अनुसार जैश-ए-मोहम्मद के दो धमकी भरे पत्र ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन (BCAS) लखनऊ के पास आया था। जिसमें लिखा था कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद -370 हटाने के लिए प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से बदला लिया जाएगा। पत्र मिलने के बाद खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट जारी कर भारतीय वायुसेना के ठिकानों के साथ-साथ देश के बड़े हवाई अड्डों को सुरक्षा बढ़ा दी गई थी।
जिसके बाद आज केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी केरल के कोल्लम में एक सभा को सम्बोधित करते हुए ने हुए देश की समुद्री सीमा के रास्ते पाकिस्तान से प्रशिक्षण पाए आतंकियों के द्वारा देश में हमले की आशंका जताई है।
केंद्रीय रक्षा मंत्री ने कहा कि इस आशंका को खारिज नहीं किया जा सकता कि पाकिस्तान के आतंकी देश में किसी बड़े हमले को अंजाम दे सकते हैं। लेकीन हमारे तटीय और समुद्री सुरक्षा बल इस आशंका के मद्देनजर पूरी सतर्कता बरत रहे हैं। और मैं आप लोगों को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि हमारी नौसेना ऐसे किसी भी खतरे से निपटने में पूरी तरह सक्षम है।
रक्षा मंत्री ने इससे पहले भी पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा था कि वह 1971 की गलती को ना दोहराए । 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के दो टुकड़े हो गए और बांग्लादेश के रूप में नया देश सामने आया था।