नई दिल्ली: निर्भया गैंगरेप केस में पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अब इस मामले पर अगली सुनवाई 7 जनवरी को होगी। दोषियों के डेथ वॉरंट पर अभी कोई फैसला नहीं दिया गया है। अगली सुनवाई में डेथ वॉरंट जारी किया जा सकता है।
अपनी पिछली सुनवाई में पटियाला हाउस कोर्ट ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में ये मामला लंबित है, ऐसे में दोषियों का डेथ वॉरंट जारी नहीं किया जा सकता। अब जबकि सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है तो अब दोषियों का डेथ वॉरंट जारी किया जा सकता है।
ये भी पढ़ें- निर्भया केस: SC ने अक्षय की पुनर्विचार याचिका की खारिज
बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जरिए सुनवाई की गई। कहा जा रहा है कि दोषी दया याचिका दायर करेंगे। जेल प्रशासन का कहना है कि एक दोषी मुकेश दया याचिका नहीं देना चाहता। वहीं, दोषी विनय भी अपनी दया याचिका वापस ले चुका है।
डेथ वॉरंट क्या होता है ?
बता दें कि डेथ वॉरंट को ब्लैक वॉरंट भी कहा जाता है। इस वॉरंट के जारी होने के बाद ही किसी व्यक्ति को फांसी दी जाती है। दरअसल, दंड प्रक्रिया संहिता 1973 यानि कि CrPC के तहत 56 फॉर्म्स होते हैं। इनमें से फॉर्म नंबर 42 को ही डेथ वॉरंट कहा जाता है। इस वॉरंट के ऊपर ‘वारंट ऑफ एक्जेक्यूशन ऑफ ए सेंटेंस ऑफ डेथ’ लिखा होता है।