7 साल बाद निर्भया को इंसाफ, फांसी से पहले ऐसा था चारों आरोपियों का हाल

0
1401
डिजाइन फोटो

दिल्ली। निर्भया गैंगरेप मामले में आखिरकार लंबे इतंजार के बाद चारों आरोपियों को शुक्रवार को फांसी दे दी गई है। विनय, अक्षय, मुकेश और पवन गुप्ता को दिल्ली की तिहाड़ जेल में सुबह साढ़े पांच बजे एक साथ फांसी दी गई और अब चारों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल ले जाया गया है। फांसी के आधे घंटे बाद चारों की मौत की पुष्टि 6 बजकर 20 मिनट पर शवों को फंदे से उतार दिया गया।

आरोपियों को फांसी मिलने के बाद निर्भाय के माता-पिता भावुक दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि हमारी 7 साल बाद आज हमारी बेटी को इंसाफ मिला है। उन्होंने न्यायपालिका, सरकार और राष्ट्रपति को धन्यवाद किया। जेल सूत्रों के मुताबिक निर्भया के गुनहगारों ने गुरुवार की रात बेचैनी में गुजारी इतना ही नहीं उन्हें पूरी रात निंद भी नहीं आई। फांसी देने से पहले तिहाड़ जेल के अधिकारी सुबह चार बजे के करीब चारों की सेल में पहुंचे और जरूरी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद इनसे नहाने व कपड़े बदलने के लिए कहा।

आरोपी विनय ने कपड़े बदलने से इनकार कर दिया और रोते हुए माफी मांगने लगा। सेल से बाहर लाने से पहले इन चारों को सफेद कुर्ता-पजामा पहनाया गया। इसके बाद दोषियों को जेल प्रशासन की ओर से चाय-नाश्ता के लिए पूछा गया, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया।

फांसी के लिए जब इनको लेकर आया जा रहा था तो एक दोषी जमीन पर लेट गया और काफी मशक्कत के बाद उसे आगे लेकर जाया गया। इसके बाद चारों के चेहरे काले कपड़े से ढक दिए गए और गले में रस्सी बांधी गई। इनके दोनों पैर भी बांध दिए गए थे ताकि फांसी देते वक्त इनके दोनों पैर अलग-अलग ना हिले। ठीक साढ़े पांच बजे जेल सुपरिटेंडेंट का इशारा मिलते ही पवन जल्लाद ने लीवर खींच दिया।

निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि आज मेरी बेटी को शांति मिली होगी। आशा देवी ने कहा कि निर्भया को इंसाफ मिलने भर से उनकी लड़ाई खत्म नहीं होगी, वह देश की दूसरी बेटियों को इंसाफ दिलाने के लिए संघर्ष करती रहेंगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here