नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को बैंकॉक में चल रहे RCEP यानी क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। यहां पीएम मोदी ने भारतीय घरेलू उद्योगों के हित में फैसला करते हुए RCEP के समझौते पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया।
दरअसल, RCEP दक्षिण-पूर्वी और पूर्व एशिया के 16 देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौता है। इस समझौते पर जिन देशों ने हस्ताक्षर किए हैं। वह अब एक-दूसरे को व्यापार में टैक्स कटौती के साथ-साथ कई और अन्य तरह से आर्थिक मोर्चे पर छूट भी देंगे।
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बता दें कि आरसीईपी समझौता 10 आसियान देशों और 6 अन्य देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौता है। इन देशों में 10 आसियान देशों के अलावा ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, न्यूजीलैंड और दक्षिण कोरिया देश भी शामिल हैं। हालांकि, भारत ने RCEP में शामिल होने से मना कर दिया है।
भारत के लिए घातक होता ये कदम
जानकारी के लिए बता दें कि अगर पीएम मोदी RCEP समझौते पर हस्ताक्षर कर देते तो ये भारत के घरेलू उद्योगों के लिए आत्मघाती साबित होता। क्योंकि इस समझौते पर हस्ताक्षर के बाद भारत को आसियान देशों, जापान और दक्षिण कोरिया से आने वाली 90 फीसदी वस्तुओं पर से टैरिफ हटाना पड़ता, जो भारत के लिए आत्मघातक साबित हो सकता था।