नई दिल्ली: तीन दशक तक भारतीय वायुसेना में सेवा करने वाले और करगिल युद्ध के हीरो माने जाने वाले लड़ाकू विमान मिग-27 की आज विदाई हो गई। राजस्थान के जोधपुर एयरबेस में शुक्रवार को 7 लड़ाकू विमानों ने अपनी आखिरी उड़ान भरी। इस दौरान कई अधिकारियों की मौजूदगी में मिग-27 को सलामी भी दी गई।
भारतीय वायु सेना के बेड़े में 1985 में शामिल किया गया यह अत्यंत सक्षम लड़ाकू विमान ज़मीनी हमले की क्षमता का आधार रहा है। वायु सेना के सभी प्रमुख ऑपरेशन्स में भाग लेने के साथ मिग-27 नें 1999 के कारगिल युद्ध में भी एक अभूतपूर्व भूमिका निभाई थी। pic.twitter.com/9EtQv71sOh
— Indian Air Force (@IAF_MCC) December 26, 2019
मिग 27 को साल 1985 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। वैसे तो मिग 27 वायुसेना के सभी प्रमुख ऑपरेशन्स में शामिल रहा है, लेकिन इसे 1999 में हुए करगिल युद्ध के लिए खासतौर पर याद किया जाता है। 7 विमानों वाले इस स्क्वाड्रन को आगले साल यानि कि 31 मार्च 2020 को नम्बर प्लेटेड किया जाएगा।
डी-इंडक्शन सेरेमनी में कई कार्यक्रमों का हुआ आयोजन
बता दें कि मिग-27 के रिटायरमेंट के मौके पर राजस्थान के जोधपुर में भारतीय वायुसेना के स्टेशन पर हुए डी-इंडक्शन सेरेमनी में खई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। इस समारोह में कई बड़े अधिकारी शामिल रहे। सेरेमनी की अध्यक्षता साउथ-वेस्ट एयर कमांडर के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ एयर मार्शल एस के घोटिया ने की