Mahashivratri: 21 फरवरी को महाशिवरात्रि, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

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Mahashivratri 2021
कब है महाशिवरात्रि? भगवान शिव की पूजा करने से पहले जान लें ये जरूरी नियम

नई दिल्ली: हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि बहुत बड़ा त्योहार माना जाता है। इस दिन भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक कर उनकी पूजा की जाती है। कहा जाता है कि इस दिन जो भी शिवभक्त सच्चे मन से भगवान भोलेनाथ की पूरी विधि-विधान से पूजा पाठ करते हैं, उन्हें मनचाहा फल मिलता है। इस बार महाशिवरात्रि 21 फरवरी को मनाया जा रहा है।

वैसे तो साल में 12 शिवरात्रियां होती हैं, लेकिन फाल्‍गुन महीने की कृष्‍ण पक्ष चतुर्दशी पर पड़ने वाली शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है। यह हर साल फरवरी के अंत में या मार्च की शुरुआत में मनाई जाती है। इस बार महाशिवरात्रि का त्योहार 21 फरवरी को मनाया जा रहा है।

महाशिवरात्रि की तिथि और शुभ मुहूर्त
महाशिवरात्रि की तिथि: 21 फरवरी 2020
चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 21 फरवरी 2020 को शाम 5 बजकर 20 मिनट से
चतुर्दशी तिथि समाप्‍त: 22 फरवरी 2020 को शाम 7 बजकर 2 मिनट तक
रात्रि प्रहर की पूजा का समय: 21 फरवरी 2020 को शाम 6 बजकर 41 मिनट से रात 12 बजकर 52 मिनट तक

पूजन सामग्री
वैसे तो कहा जाता है कि भगवान भोलेनाथ इतने भोले हैं कि उनकी पूजा केवल सच्चे मन से की जाए, तो भी वह प्रसन्न हो जाते हैं, लेकिन अगर पूरे विधि-विधान से पूजा-पाठ किया जाए, तो उसका फल शीघ्र ही मिलता है। शिवपूजा सुगंधित पुष्‍प, बेल पत्र, भांग, धतूरा, बेर, गाय का कच्चा दूध, गंगा जल, कपूर, शुद्ध घी का चिराग, पंच फल आदि सामग्री के साथ करनी चाहिए।

महाशिवरात्रि की पूजन विधि
शिवपूजा करने के लिए सुबह सवेरे उठकर स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण कर व्रत का संकल्प ले। इसके बाद गंगाजल में चावल और हल्दी डालकर मंदिर में या घर पर ही शिवलिंग पर ये जल चढ़ाए। जल चढ़ाने के बाद शिवलिंग पर बेलपत्र, भांग-धतूरे आदि से ‘ऊं नम: शिवाय’ बोलते हुए भगवान शिव की पूजा करें।

पूजा का मंत्र
महाशिवरात्रि के दिन शिव के पंचाक्षर मंत्र “ॐ नमः शिवाय” का निष्ठा के साथ जाप करना चाहिए।

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