महाराष्ट्र की राजनीति ने मंगलवार को बड़ा मोड़ ले लिया है। दरअसल, देवेंद्र फडणवीस ने राज्य के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। अब उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना, NCP और कांग्रेस सरकार बना रही है। ट्राइडेंट होटल मुंबई में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने साझा बैठक की है।
सरकार बनाने जा रहे शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की बैठक में उद्धव ठाकरे को गंठबंधन का नेता चुना गया है। इस दौरान उद्धव ठाकरे ने शरद पवार के पैर छुए। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने उद्धव ठाकरे को बधाई दी। बता दें कि NCP नेता जयंत पाटिल ने उद्धव ठाकरे के नाम का प्रस्ताव रखा, कांग्रेस के बाला साहेब ठाकरे ने प्रस्ताव का समर्थन किया।
Jayant Patil, NCP: We all want Uddhav Balasaheb Thackeray to lead our alliance as the Chief Minister. #Maharashtra pic.twitter.com/cmAbL70qPl
— ANI (@ANI) November 26, 2019
शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी की बैठक में सरकार बनाने का फैसला लिया गया। लिहाजा 1 दिसंबर को उद्धव ठाकरे शिवाजी पार्क में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेगें। शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन का नाम ‘महा विकास अघाड़ी’ रखा गया है। गौरतलब है कि इस बैठक में अजित पवार शामिल हुए।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता नवाब मलिक ने कहा, ये गठबंधन शिवाजी के आदर्शों को मानने वाला है। ये गठबंधन सिर्फ पांच साल के लिए नहीं बल्कि 20 सालों के लिए है। राजू शेट्टी और समाजवादी पार्टी नेता अबु आजमी ने उद्धव ठाकरे के नाम के प्रस्ताव का समर्थन किया है।
गौरतलब है कि आज यानी कि मंगलवार को ही देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद से एनसीपी के बागी अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया है। अजित पवार के डिप्टी सीएम पद से इस्तीपा देने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिवसेना पर हमला बोला।
उल्लेखनीय है कि देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने शपथ लेने के 78 घंटे के बाद इस्तीफा दिया है। फडणवीस ने कहा, अब भाजपा के पास बहुमत नहीं है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ही महाराष्ट्र में 30 घंटे के भीतर फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया था।
कोर्ट के इस आदेश के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में नई सरकार बनाने वालों को शुभकामनाएं। हम विपक्ष में रहकर जनता के लिए काम करेंगे। फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के 80 घंटे बाद इस्तीफा दिया।