राहुल गांधी का BJP पर हमला, बोले-चांद पर रॉकेट भेजने से नहीं भरेगा युवाओं का पेट

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी सरकार निशाना साधा है। उन्होंने कहा, चांद पर रॉकेट भेजने से महाराष्ट्र और देश के युवा के पेट मे खाना नहीं जाएगा। हम यहा आएं हैं, तो चांद के बारे में वादा नहीं करेंगे। हम वही वादा करेंगे, जो हम पूरा कर सकते हैं।

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, चांद पर रॉकेट भेजने से महाराष्ट्र और देश के युवा के पेट मे खाना नहीं जाएगा। हम यहा आएं हैं, तो चांद के बारे में वादा नहीं करेंगे। हम वही वादा करेंगे, जो हम पूरा कर सकते हैं।

राहुल गांधी ने मीडिया पर भी निशाना साधा, उन्होंने कहा कि मीडिया सबसे बड़े उद्योगपतियों का है। अभी तो नुकसान शुरू हुआ है, आने वाले 6-7 महीने में इसका बहुत गलत असर होगा।

राहुल ने सवाल करते हुए कहा, नोटबंदी और जीएसटी से किसका भला हुआ ? नोटबंदी से नीरव मोदी जैसे लोगों का भला हुआ है। किसान डरता है और नीरव मोदी जैसे लोग चैन से सोते है।

राहुल गांधी ने कहा, नीरव मोदी तो भाग गया और पीएम नरेंद्र मोदी बोलते हैं कि अगर नोटबंदी से भला नहीं हुआ, तो मुझे फांसी दो।

‘मेक इन इंडिया’ का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा, मेक इन इंडिया का क्या हुआ? यह तो मेक इन चाइना हो रहा है। मीडिया यह क्यों नहीं दिखाता कि कुछ भी देखो मेड इन चाइना है। चाइना के युवा को रोजगार मिल रहा है।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव के लिए जहां एक ओर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को जनसभा को संबोधित किया है, वहीं दूसरी ओर बीजेपी और शिवसेना गठबंधन के उम्मीदवारों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जनसभा को संबोधित किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘लोकसभा चुनाव के दौरान हमने आपको आश्वस्त किया था कि पीएम किसान सम्मान निधि के अंतर्गत हर किसान को लाया जाएगा और छोटे किसानों को पेंशन की सुविधा से जोड़ा जाएगा। आज ये दोनों वायदे हकीकत में बदल चुके हैं।’

जन सभा में प्रधानमंत्री ने पानी का मुद्दा भी उठाया, मोदी ने कहा, ‘पहले पानी के मामलों को अलग-अलग मंत्रालय और विभाग देखते थे, सब बिखरा पड़ा था। इसका एक असर ये भी था कि पानी से जुड़ी योजनाएं पूरा होने में वर्षों लग जाते थे। अब ये सभी विभाग ‘जल शक्ति मंत्रालय’ के अंतर्गत लाये गए हैं।’

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