Magh Purnima 2023: माघी पूर्णिमा नक्षत्र का संयोग अद्भुत योग पर ही बनाता है, इसलिए माघी पूर्णिमा के दिन स्नान, दान, पाढ़ एवं हवन करने से आपको अनंत फल की प्राप्ति होती है. यहां तक कि इस दिन ऐसा करने से नवग्रह दोष खत्म होते हैं. माघी पूर्णिमा माघ मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली पूर्णिमा को कहते हैं. हर साल ये किसी भी दिन पद जाता है ऐसे में इस बार ये तिथी यानि स्नान, दान, व्रत की पूर्णिमा 5 फरवरी रविवार को पड़ रही है. इस अवसर को आप अपने हाथ से न जाने दें और स्नान दान कर पुण्य के लाभ उठाए.
कलियुग का प्रारंभ माघ पूर्णिमा को ही हुआ
ऐसा माना जाता है कि कलियुग का प्रारंभ माघ पूर्णिमा को ही हुआ था. और इसी दिन होलिका रोपण होता है, ये पापों पर पुण्य की जीत का शुभ अवसर माना जाता है. इसी दिन संत रविदास की जयंती भी मनायी जाती है. माघ पूर्णिमा के दिन चंद्रमा पृथ्वी पर अपनी अमृतमयी रश्मियों से पृथ्वी के जल में विशिष्ट तत्व का संचार करता है, जिस के बाद हम सब लोगो के लिए वह जल कष्ट निवारक और अमृत बन जाता है.
कुछ रश्मियों के लिए माघ पूर्णिमा के दिन किसी भी स्थान का साफ जल गंगा जल के समान पवित्र हो जाता है. भगवान सत्यनारायण की कथा करने या सुनने का इस दिन विशेष महत्व है. पुण्य प्राप्ति के लिए लोग विष्णु जी की श्रद्धापूर्वक पूजन करते हैं. पीताम्बरी वस्त्र, पीला मिष्ठान व तुलसी की माला चढ़ाई जाती है.
माघ पूर्णिमा के दिन पितरों को पूजने का भी महत्व है, इसलिए इस दिन अपने पूर्वजों के प्रति श्राद्ध व तर्पण करके आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए. दिव्यांग व असहाय लोगों को अपनी सामर्थ्य के मुताबिक उनकी जरूरत की चीजें दान करनी चाहिए, ताकि वह प्रसन्नता की अनुभूति करें जिसे आपके घर में शांति बनी रहे. साथ ही, इस क्रिया को करने से दान देने वाले व्यक्ति को राहु और केतु ग्रहों के अशुभ प्रभाव से मुक्ति प्राप्त होती है, जिससे वह जीवन में आनंद का अनुभव करते हैं.