महाराष्ट्र में अब तक सरकार गठन की तस्वीर साफ नहीं हो पाई है। कांग्रेस ने अब तक शिवसेना को समर्थन देने पर फैसला नहीं लिया है। वहीं एनसीपी भी शिवसेना को समर्थन देने के लिए विचार- विमर्श कर रही है।
सोनिया गांधी के साथ वरिष्ठ नेताओं की बैठक के बाद कांग्रेस का बयान आया है कि पार्टी ने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है, सोनिया गांधी फिर से एनसीपी प्रमुख शरद पवार से बातचीत कर आगे कोई फैसला लेंगी। वहीं उद्धव ठाकरे की अगुवाई में शिवसेना नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात की है। इसी बीच बीजेपी कोर कमेटी की बैठक हुई है।
दरअसल, शिवसेना ने राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार गठन के लिए 24 घंटे का समय मांगा था, लेकिन राज्य़पाल ने समय देने से मना कर दिया है। जिसके बाद आदित्य ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि वह सरकार बनाने के लिए तैयार हैं।
राज्यपाल ने NCP को सरकार बनाने का दिया न्योता-
आदित्य ठाकरे ने कहा कि हमारी कांग्रेस और एनसीपी से बताचीत हो रही है, उनका समर्थन पत्र हासिल करने में वक्त लग रहा है। वहीं राज्यपाल ने दूसरी बड़ी पार्टी होने के नाते एनसीपी को सरकार बनाने का न्योता दिया, जिसके बाद एनसीपी के नेता राज्यपाल से मुलाकात के लिए राजभवन पहुंचे हैं।
शिवसेना, कांग्रेस ओर एनसापी में अभी तक औपचारिक तौर पर समर्थन का ऐलान नहीं हुआ है, जबकि विधानसभा का वक्त पूरा हो गया है। लिहाजा, यदि 24 घंटे में राजनीतिक पार्टियों के बीच गठबंधन नहीं हो पाया, तो महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लग जाएगा।
बता दें कि राज्यपाल ने शिवसेना के दावे को खारिज नहीं किया है, इसलिए शिवसेना जब समर्थन पत्र लेकर दावा पेश करने जाएगी तो राज्यपाल उसे सरकार बनाने का मौका दे सकते हैं।