नई दिल्ली: करतारपुर कॉरिडोर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच 24 अक्टूबर को कई समझौते हुए। इन समझौतों में श्रद्धालुओं की सुविधा के अनुसार कई चीजों की सीमा तय हुई। दरअसल, इनमें पैसों को लेकर भी सीमा तय की गई है। जो भी श्रद्धालु भारत से करतारपुर कॉरिडोर जाएगा वह वहां 11 हजार से ज्यादा रुपए कैश नहीं लेकर जा सकता।
बता दें कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान 9 नवंबर को कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे। श्रद्धालुओं का पहला जत्था गुरुनानक देव की 550वीं जयंती पर रवाना होगा। वहीं, दूसरा जत्था 6 नवंबर को रवाना होगा।
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सिख श्रद्धालुओं के लिए है काफी महत्व
करतारपुर कॉरिडोर का सिख श्रद्धालुओं के लिए काफी महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन के अंतिम 18 महीने यहीं पर गुजारे थे, इसके साथ ही गुरु नानक देव जी का पूरा परिवार भी यहीं आकर बस गया था। गुरु नानक देव के साथ -साथ उनके माता-पिता का देहांत भी यहीं पर हुआ। इसलिए इस स्थान को सिख समुदाय काफी अहम मानते हैं।
तीर्थयात्रियों से शुल्क वसूलेगा पाक
जानकारी के लिए बता दें कि भारत के विरोध के बावजूद पाकिस्तान कॉरिडोर के प्रयोग के लिए तीर्थयात्रियों से शुल्क वसूलेगा। हालांकि, तीर्थयात्रियों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए भारत ने एग्रीमेंट पर साइन करने का फैसला लिया ।