नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को आरएसएस के कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में अमित शाह ने एक बार फिर कश्मीर से हटाई गई धारा 370 का मुद्दा उठाया और कहा कि धारा 370 को लेकर लोगों भ्रमित किया गया। उन्होंने कहा कि कश्मीर को लेकर लोगों के मन में की गलतफहमियां थी। लोगों को इतिहास के बारे में सही जानकारी नहीं थी लेकिन अब वक्त आ गया है कि सच्चा इतिहास लिखा जाए।
इस कार्यक्रम में अमित शाह ने कहा कि कश्मीर को लेकर जिन लोगों ने गलती की उन्होंने ही इसका इतिहास लिखा और तथ्यों को छुपाया। यही कारण है कि कश्मीर में अनुच्छेद 370 को लेकर लोगों के मन में गलतफहमी रही और तरह-तरह की अफवाहें फैलीं, लेकिन अब इन अफवाहों पर विराम लगाने का वक्त आ गया है।
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अमित शाह यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि आजादी के समय 630 रियासतों को एक करने में कोई दिक्कत नहीं आई लेकिन जम्मू-कश्मीर को एक करने के लिए 5 अगस्त 2019 तक इंतजार करना पड़ा। गृह मंत्री ने कश्मीरी पंडितों और सूफी संतों का जिक्र करते हुए कहा कि कश्मीर में सूफी संतों की संस्कृति नष्ट हो रही है और कश्मीरी पंडितों को उनके घरों से निकाला गया। उन्होंने स्पष्ट किया किया कि कश्मीर को आर्टिकल 370 की वजह से नुकसान उठाना पड़ा है।
अमित शाह ने कहा कि जो लोग पार्टी पर आरोप लगाते हैं कि ये एक राजनीतिक स्टैंड है उनको स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि ये हमारा स्टैंड तब से है जब से हमारी पार्टी है। ये हमारी मान्यता है कि जब अनुच्छेद 370 था, तब वो देश की एकता और अखंडता के लिए ठीक नहीं था।
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