ज्ञानवापी को लेकर तीन अर्जियों पर बनारस की ज़िला अदालत में सुनवाई पूरी

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Gyanvapi Survey: ज्ञानवापी मस्जिद है या मंदिर इसका फैसला तो कोर्ट तय करेगा। लेकिन ज्ञानवापी में किए गए सर्वे के बाद से दुनियाभर में चर्चा इस बात को लेकर है कि आखिरकार ज्ञानवापी का इतिहास क्या है ? जिसको लेकर मामला कोर्ट में है और देर-सवेर ये साक्ष्य के नतीजों के आधार पर सच्चाई भी सामने आ जाएगी। ज्ञानवापी के सर्वे मामले में बनारस की ज़िला अदालत में आज तीन अर्जियों पर सुनवाई हुई। 

पहली अर्जी में एडवोकेट कमिश्नर ने ज्ञानवापी मस्जिद सर्वेक्षण Gyanvapi Survey की रिपोर्ट सौंपने के लिए और दो दिन की मोहलत मांगी है।

दूसरी अर्जी में तीन महिला याचिकाकर्ताओं ने मांग की है कि पूर्वी दीवार और नंदी जी मुख के सामने वाले तहखाने वाली दीवार को हटाया जाए। साथ ही वहां मिले शिवलिंग की लंबाई चौड़ाई भी मापी जाए। इस पर बहस में मुस्लिम पक्ष ने लिखित आपत्ति दाखिल करने का समय मांगा है।

तीसरी अर्जी में सरकारी वकील ने वजूखाने में मौजूद मछलियों को दूसरी जगह भेजने का अनुरोध किया है। ज्ञानवापी मस्जिद में सोमवार को पूरे हुए सर्वेक्षण के बाद वाराणसी की सिविल कोर्ट ने वजूखाने को सील करने का आदेश दिया था।

यूपी सरकार के वकील ने कोर्ट को जानकारी दी कि आदेश का पालन करते हुए ज्ञानवापी मस्जिद में विवादित परिसर को सील कर दिया गया है, जहां पर शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है। इसमें 9 जालीदार दरवाजों का ताला बंद करके चाबी कोषागार में जमा कर दी गई है।

परिसर को किया गया सील

यूपी सरकार के वकील ने ये भी बताया कि जिस परिसर को सील किया गया है वो मानव निर्मित तीन फीट गहरा तालाब है। इसके चारों और पाइपलाइन और नल लगे हैं जिसका इस्तेमाल नमाजी वजू करने के लिए करते हैं।

उन्होंने कहा, “परिसर के सील होने की वजह से पाइपलाइन को सील क्षेत्र से बाहर शिफ्ट करना ज़रूरी है। सील किए हुए परिसर में कुछ शौचालय हैं, जिनका इस्तेमाल नमाज़ी करते हैं। इनकी अन्य कोई एंट्री नहीं है।”

कोर्ट ने इन तीनों अर्ज़ियों पर सुनवाई कर ली है और अब आदेश का इंतजार हो रहा है। फिलहाल फैसला कोर्ट में सुरक्षित है।

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