भ्रष्टाचार को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। सरकार ने आरोपी अफसरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। मंगलवार को आयकर विभाग के 21 अधिकारियों को जबरन रिटायर किया गया है। बताया जा रहा है कि इन सभी अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं।
बता दें कि जबरन रिटायर किए गए अधिकारी ग्रुप बी ग्रेड के हैं। मिली जानकारी के अनुसार, इस साल अब तक 85 अधिकारियों को जबरन रिटायर किया गया है। जिनमें 64 टैक्स अधिकारी सामिल हैं। उल्लेकनीय है कि पहले भी अगस्त, 2019 में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 22 सीनियर टैक्स अधिकारियों को भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त किया था।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही कह चुके हैं कि वह कर (Tax) प्रशासन को साफ और भ्रष्टाचार मुक्त करेंगे, ताकि ईमानदार कर दाताओं को परेशान ना किया जाए। केंद्र सरकार ने भ्रष्टाचार और कदाचार के आरोपों में 22 वरिष्ठ कर अधिकारियों को नियम 56 (जे). के अंतर्गत बर्खास्त कर किया था।
मालूम हो कि उत्पीड़न, रिश्वत, जबरन वसूली और भ्रष्टाचार के आरोपों पर सरकार ने 27 वरिष्ठ राजस्व अधिकारियों को घर भेजने की कार्रवाई के बाद यह कदम उठाया था। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने यह कार्रवाई विभिन्न केंद्रीय जीएसटी क्षेत्रों से की थी।
के.के. उइके, एस.आर. परते, कैलाश वर्मा, के.सी. मंडल, एम. एस. डामोर, आर.एस. गोगिया, किशोर पटेल बर्खास्त हुए अधिकारियों में से हैं, ये सभी अधीक्षक के स्तर के पद पर कार्यरत थे।