गन्ने का रेट न बढ़ने से किसानों में नाराजगी, मायावती सरकार में 92 फीसदी की हुई थी बढ़ोत्तरी

गन्ने के मामले में यूपी का देश में पहला स्थान है। देश में कुल 520 चीनी मिलों (Chini Mil) से 119 उत्तर प्रदेश में हैं।

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Ganna Rate Up 2021
गन्ने के मामले में यूपी का देश में पहला स्थान है। देश में कुल 520 चीनी मिलों (Chini Mil) से 119 उत्तर प्रदेश में हैं।

Uttar Pradesh: रविवार को यूपी सरकार (Up Government) ने गन्ने का समर्थन मूल्य तय कर दिया है। लेकिन गन्ने के सरकारी मूल्य में कोई बदलाव नहीं किया गया। इस बार भी गन्ने के मूल्य में बढ़ोत्तरी न होने से किसानों में नाराजगी है। राज्य के किसानों का कहना है कि एक तरफ जहां गन्ने के उत्पादन में लागत मूल्य लगातार बढ़ता जा रहा है वहीं, दूसरी ओर गन्ना मूल्य में पिछले तीन सालों से बढ़ोत्तरी न होने पर किसान (Kisan) अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।

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यूपी (UP) में इन इन दिनों गन्ने का पेराई सत्र चल रहा है। यूपी के किसानों को उम्मी थी कि योगी सरकार (Yogi Adityanath) इस बार गन्ने के रेट में बढ़ोत्तरी करेगी। लेकिन किसानों को इस बार भी मायूसी ही हाथ लगी है। राज्य सरकार ने गन्ने का समर्थन मूल्य में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की है। 2017 में जब योगी आदित्यनाथ ने यूपी की कमान संभाली थी तब गन्ने में 10 रूपये प्रति कुंटल की बढ़ोत्तरी की थी। तब से यूपी में गन्ने के मूल्य में बढ़ोत्तरी नहीं की गई है।

क्या है मौजूदा वक्त में गन्ने का रेट

मौजूदा समय की बात की जाए तो गन्ने का रेट उसकी वैरायटी के हिसाब से अलग-अलग है। जिसमें गन्ने की रिजेक्टेड वैरायटी के लिए 310, सामान्य प्रजाति के गन्ने के लिए 315 और अगैती प्रजाति के लिए 325 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर गन्ना खरीदा जा रहा है।

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मायावती सरकार में हुई थी बढ़ोत्तरी

यूपी में गन्ने को लेकर हमेशा से ही सियासी राजनीति देखने को मिलती रही है। वर्ष 2007 में मायावती (Mayawati) की सरकार में गन्ने के रेट में 92 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी। जब यूपी की कमान मायावती ने संभाली तो उस समय गन्ने का रेट 125 रूपये प्रति क्विंटल था। जिसे मायावती ने पांच साल के कार्यकाल में बढ़ाकर 240 रूपये कर दिया था।

बता दें कि अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के कार्यकाल में गन्ने के मूल्य में 27 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई थी। सपा सरकार ने पांच साल में दो बार में कुल 65 रुपये प्रति क्विंटल गन्ने का राज्य परामर्शी मूल्य बढ़ाया था।

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गन्ना उत्पादन में यूपी पहले स्थान पर

यूपी के गन्ना किसानों की बात की जाए तो देश में यूपी का पहला स्थान है। राज्य में तकरीबन 53.37 लाख गन्ना किसान हैं जो 182 गन्ना और चीनी मिल सहकारी समितियों के साथ जुड़े हुए हैं। देश के गन्ने के कुल रकबे का 51 फीसदी और उत्पादन का 50 और चीनी उत्पादन का 38 फीसदी उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में होता है। देश में कुल 520 चीनी मिलों (Chini Mil) से 119 उत्तर प्रदेश में हैं। इसके आलावा राज्य के 44 जिलों में चीनी उद्योग ही सबसे बड़ा प्रमुख उद्योग है। 

गन्ने का रेट न बढ़ने से विपक्ष ने सरकार पर उठाए सवाल

गन्ने का रेट न बढ़ने से विपक्ष ने योगी सरकार को निशाने पर लिया। प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर लिखा कि

इतना नहीं गन्ने के रेट में बढ़ोत्तरी न होने से पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी सरकर पर सवाल किया। उन्होने ट्वीट कर लिखा

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