Uttar Pradesh: रविवार को यूपी सरकार (Up Government) ने गन्ने का समर्थन मूल्य तय कर दिया है। लेकिन गन्ने के सरकारी मूल्य में कोई बदलाव नहीं किया गया। इस बार भी गन्ने के मूल्य में बढ़ोत्तरी न होने से किसानों में नाराजगी है। राज्य के किसानों का कहना है कि एक तरफ जहां गन्ने के उत्पादन में लागत मूल्य लगातार बढ़ता जा रहा है वहीं, दूसरी ओर गन्ना मूल्य में पिछले तीन सालों से बढ़ोत्तरी न होने पर किसान (Kisan) अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
ये भी पढ़ें… UP में अब PORN देखने वालों की खैर नहीं, Police रखेगी पैनी नजर
यूपी (UP) में इन इन दिनों गन्ने का पेराई सत्र चल रहा है। यूपी के किसानों को उम्मी थी कि योगी सरकार (Yogi Adityanath) इस बार गन्ने के रेट में बढ़ोत्तरी करेगी। लेकिन किसानों को इस बार भी मायूसी ही हाथ लगी है। राज्य सरकार ने गन्ने का समर्थन मूल्य में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की है। 2017 में जब योगी आदित्यनाथ ने यूपी की कमान संभाली थी तब गन्ने में 10 रूपये प्रति कुंटल की बढ़ोत्तरी की थी। तब से यूपी में गन्ने के मूल्य में बढ़ोत्तरी नहीं की गई है।
क्या है मौजूदा वक्त में गन्ने का रेट
मौजूदा समय की बात की जाए तो गन्ने का रेट उसकी वैरायटी के हिसाब से अलग-अलग है। जिसमें गन्ने की रिजेक्टेड वैरायटी के लिए 310, सामान्य प्रजाति के गन्ने के लिए 315 और अगैती प्रजाति के लिए 325 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर गन्ना खरीदा जा रहा है।
MP में बड़ा सड़क हादसा, अब तक 38 लोगों की मौत
मायावती सरकार में हुई थी बढ़ोत्तरी
यूपी में गन्ने को लेकर हमेशा से ही सियासी राजनीति देखने को मिलती रही है। वर्ष 2007 में मायावती (Mayawati) की सरकार में गन्ने के रेट में 92 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी। जब यूपी की कमान मायावती ने संभाली तो उस समय गन्ने का रेट 125 रूपये प्रति क्विंटल था। जिसे मायावती ने पांच साल के कार्यकाल में बढ़ाकर 240 रूपये कर दिया था।
बता दें कि अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के कार्यकाल में गन्ने के मूल्य में 27 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई थी। सपा सरकार ने पांच साल में दो बार में कुल 65 रुपये प्रति क्विंटल गन्ने का राज्य परामर्शी मूल्य बढ़ाया था।
त्रिपुरा CM का दावा, Amit Shah की नेपाल और श्रीलंका में है सरकार बनाने की योजना
गन्ना उत्पादन में यूपी पहले स्थान पर
यूपी के गन्ना किसानों की बात की जाए तो देश में यूपी का पहला स्थान है। राज्य में तकरीबन 53.37 लाख गन्ना किसान हैं जो 182 गन्ना और चीनी मिल सहकारी समितियों के साथ जुड़े हुए हैं। देश के गन्ने के कुल रकबे का 51 फीसदी और उत्पादन का 50 और चीनी उत्पादन का 38 फीसदी उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में होता है। देश में कुल 520 चीनी मिलों (Chini Mil) से 119 उत्तर प्रदेश में हैं। इसके आलावा राज्य के 44 जिलों में चीनी उद्योग ही सबसे बड़ा प्रमुख उद्योग है।
गन्ने का रेट न बढ़ने से विपक्ष ने सरकार पर उठाए सवाल
गन्ने का रेट न बढ़ने से विपक्ष ने योगी सरकार को निशाने पर लिया। प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर लिखा कि
“भगवान का सौदा करता है
इंसान की क़ीमत क्या जाने
जो “गन्ने”की क़ीमत दे न सका
वो ‘जान’ की क़ीमत क्या जाने”किसान पंचायत, चाँदपुर बिजनौर pic.twitter.com/C4w2znpOwf
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) February 15, 2021
इतना नहीं गन्ने के रेट में बढ़ोत्तरी न होने से पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी सरकर पर सवाल किया। उन्होने ट्वीट कर लिखा
न एमएसपी दिलवाना, न किसानों की आय व गन्ने का दाम बढ़ाना, न बेरोज़गारों को काम दिलाना, न नारी का मान बचाना, न बेइंसाफ़ी को ख़त्म करना… अच्छा नहीं है बस आना, झूठे सपने दिखाना, बहलाना, बहकाना और बस चले जाना… जनता भी कह रही है अबकी बार है सबक़ सिखाना। #नहीं_चाहिए_भाजपा
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 16, 2021
देश से जुड़ी अन्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें National News in Hindi
देश और दुनिया से जुड़ी Hindi News की ताज़ा खबरों के लिए यहाँ क्लिक करें. Youtube Channel यहाँ सब्सक्राइब करें। सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Page लाइक करें, Twitter पर फॉलो करें और Android App डाउनलोड करें.