नई दिल्ली: अर्थव्यवस्था में तेजी लाने और ग्रोथ को ऊपर उठाने की केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की कोशिशों को बड़ा झटका लगा है। चालू वित्त वर्ष (2019-20) की दूसरी तिमाही में आर्थिक विकास दर घटकर 4.5 फीसदी रह गई है। पिछले सात सालों में ये भारत की सबसे कम आर्थिक विकास दर है।
बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीडीपी के आंकड़े जारी होने से एक दिन पहले गुरुवार को संसद में देश के आर्थिक हालातों पर चर्चा करते हुए स्वीकार किया था कि देश की विकास दर में गिरावट आई है। हालांकि, यहां उन्होंने देश में मंदी होने की बात को नकार दिया।
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जीडीपी के अलावा ग्रॉस वैल्यू एडेड (GVA) की बात करें तो ये सितंबर तिमाही में घटकर 4.3 फीसदी रह गया है। पहली तिमाही में यह 4.9 फीसदी दर्ज किया गया था। वहीं, वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही में इसमें 4.5 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गई।
क्या है जीडीपी का आंकड़ा?
किसी भी देश की आर्थिक स्थिति को जीडीपी के तहत ही मापा जाता है। ये आंकड़े ही बताते हैं कि किसी भी देश की अर्थव्यवस्था किस प्रकार की है। जीडीपी के आंकड़े मुख्य तौर पर आठ औद्योगिक क्षेत्रों- कृषि, खनन, मैन्युफैक्चरिंग, बिजली, कंस्ट्रक्शन, व्यापार, रक्षा और अन्य सेवाओं के क्षेत्र के आधार पर मापे जाते हैं। भारत में जीडीपी के आंकड़ें हर तीन महीनों के आधार पर तय होते हैं।