दिल्ली: पैसे लेकर चीन के करीब 250 नागरिकों को भारत का वीज़ा दिलवाने में मदद करने के मामले में पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम (Karti Chidambaram) पर कानून की तलावर लटक रही है। इन सभी लोगों को पंजाब में चल रही एक परियोजना में काम के लिए आना था। इन्ही आरोपों का सामना कर रहे कार्ति चिदंबरम ने 20 मई यानी की शुक्रवार को अग्रिम जमानत के लिए दिल्ली की एक कोर्ट में याचिका दाखिल की।
CBI की स्पेशन कोर्ट ने इस मामले में पहले कार्ति चिदंबरम (Karti Chidambaram) के सहयोगी और चार्टर्ड एकाउंटेंट एस भास्करारमन को CBI की रिमांड पर भेज दिया था। एस भास्करारमन को बुधवार को चेन्नई में हिरासत में लिया गया था, जिसके बाद ट्रांजिट रिमांड पर लेकर उन्हें दिल्ली की अदालत में पेश किया गया।
जांच अभी शुरुआती चरण में है- स्पेशल जज
CBI के स्पेशल जज प्रशांत कुमार ने इस मामले से जुड़ी जांच को लेकर कहा कि जांच अभी शुरुआती चरण में है। इसलिए जांच अधिकारी को इस मामले में ज़रूरी तमाम सबूत जुटाने होंगे। नियमों के अनुसार, अगर किसी शख़्स को गिरफ़्तार किए जाने का भय हो तो वो अदालत से अग्रिम जमानत ले सकते हैं।
Karti Chidambaram anticipatory bail | CBI says that application not maintainable at this stage; states that they'll give notice at least 48 hrs earlier if he needs to be arrested. Court observes that if CBI requires to arrest, he needs to be given notice 3 working days earlier.
— ANI (@ANI) May 20, 2022
हालांकि, कार्ति चिदंबरम (Karti Chidambaram) की याचिका पर CBI ने अदालत से कहा है कि इस स्तर पर ये आवेदन नहीं स्वीकार किया जाना चाहिए, क्योंकि अगर उन्हें गिरफ़्तार करने की आवश्यकता हुई, तो उन्हें कम से कम 48 घंटे पहले नोटिस दिया जाएगा।
इसके अलावा कोर्ट की ओर से बताया गया कि कर्ति अभी भारत में नहीं हैं, और ये भी कहा गया कि भारत पहुंचने के 16 घंटे बाद वो जांच में शामिल हो सकते हैं।