‘वो कोख नहीं पलने देंगे जिस कोख से अफजल निकलेगा’, जमकर वायरल हो रहा महिला जवान का ये जोशीला भाषण

कांस्टेबल खुशबू चौहान ने बेहद जोशीले अंदाज और देशभक्ति से ओतप्रोत दी गई अपनी स्पीाच में आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले, देशविरोधी नारे लगाने वालों और मानवाधिकार की दु‍हाई देने वालों को अपने ही अंदाज में लताड़ा।

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खुशबू चौहान दिल्ली में आयोजित एक डिबेट कॉम्पिटीशन में बोल रही थीं।

नई दिल्‍ली। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल  की एक महिला कांस्‍टेबल का देश भक्ति से ओतप्रोत एक वीडियो आजकल सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। खुशबू चौहान नाम की यह महिला जवान एक कार्यक्रम में अपनी स्‍पीच के दौरान आतंकियों, देश विरोधी नारे लगाने वालों और मानवाधिकारों की दुहाई देने वाले लोगों पर जमकर निशाना साधती दिख रही हैं। उन्‍होंने टुकड़े-टुकड़े गैंग पर भी जमकर हमला बोला। उनकी इस स्‍पीच को सोशल मीडिया पर बड़ी संख्‍या में लोग पसंद कर रहे हैं।

वायरल हो रहा खुशबू चौहान का यह वीडियो 27 सितंबर का है। वह सीआरपीएफ द्वारा दिल्‍ली में आयोजित एक डिबेट कॉम्‍पटीशन में बोल रही थीं। इस प्रतियोगिता का विषय था क्‍या मानवाधिकारों का इस्‍तेमाल करके आतंकवाद से निपटा जा सकता है? इस पर खुशबू चौहान ने जो भाषण दिया, वो सबके दिल को छू गया।

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कांस्‍टेबल खुशबू चौहान ने बेहद जोशीले अंदाज और देशभक्ति से ओतप्रोत दी गई अपनी स्‍पीच में आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले, देशविरोधी नारे लगाने वालों और मानवाधिकार की दु‍हाई देने वालों को अपने ही अंदाज में लताड़ा। उन्‍होंने कन्‍हैया कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि उस देशद्रोही ने कहा था कि तुम एक अफजल को मारोगे तो हर घर से अफजल निकलेगा। तो मैं भारत की बेटी अपनी भारतीय सेना की ओर से आज यह ऐलान करती हूं कि उस घर में घुसकर मारेंगे, जिस घर से अफजल निकलेगा। वो कोख नहीं पलने देंगे जिस कोख से अफजल निकलेगा। उठो देश के वीर जवानों तुम सिंह बनकर दहाड़ दो, और एक तिरंगा उस कन्‍हैया के सीने में गाड़ दो।

खुशबू चौहान ने यह भी क‍हा कि मानवाधिकार के तले किसी जवान को दबाकर युद्ध के मैदान में छोड़ देना कोई वीरता नहीं, एक आत्‍महत्‍या है। जो हाथ बांध दे सेना के, ऐसे मानवाधिकार का पालन संभव नहीं। उन्‍होंने कहा कि आज सत्‍यनिष्‍ठा पर चलने वाला जवान आतंकियों और पत्‍थरबाजों से डरता है। क्‍योंकि वह जानता है कि उसकी राइफल से निकलने वाली गो‍ली अगर किसी निर्दोष को लग गई तो उसकी नौकरी चली जाएगी।

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खुशबू चौहान ने मानवाधिकारों की दुहाई देने वालों को कहा कि जब पुलवामा में 44 जवान शहीद हुए, जब छत्‍तीसगढ़ में 76 जवान शहीद हुए तो कोई भी मानवाधिकार की दुहाई देने वाला हमारे पक्ष में नहीं आया, लेकिन जब जेएनयू में जब दे्शद्रोही द्वारा ‘भारत तेरे टूकड़े होंगे’ जैसे देशविरोधी नारे लगते हैं तो सभी मानवाधिकार प्रेमी वहां पहुंच जाते हैं।

यहां देखे वीडियो:

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