संसद के उच्च सदन राज्यसभा में लंबी बहस के बाद नागरिकता संशोधन बिल पास हो गया। संसद के उच्च सदन में वोटिंग के दौरान बिल के पक्ष में 125 और विपक्ष में 105 वोट पड़े। जबकि कुल 230 वोट पड़े। वहीं शिवसेना वोटिंग प्रक्रिया से दूर रही।
दरअसल, अब नागरिकता विधेयक को संसद के दोनों सदनों से मंजूरी मिल गई है। इसके बाद विधेयक पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन जाएगा।
गौरतलब है कि राज्यसभा में कुल सदस्य 245 हैं। मौजूद वक्त में पांच सीटें रिक्त हैं। लिहाजा राज्यसभा में कुल सदस्यों की संख्या 240 है। हालांकि, स्वास्थ्य कारणों की वजह से 5 सांसद फिलहाल सनद की कार्यवाही से अनुपस्थित रहे। ऐसे में सदन के सदस्यों की कुल संख्या घट कर सिर्फ 235 रह गई। वोटिंग में कुल 230 वोट ही पड़े और बिल आसानी से पारित हो गया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल पेश करने के बाद कहा, इस सदन के सामने एक ऐतिहासिक बिल लेकर आया हूं, इस बिल के जो प्रावधान हैं उससे लाखों-करोड़ों लोगों को फायदा होगा।
शाह ने कहा कि अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश में जो अल्पसंख्यक रहते थे, उनके अधिकारों की सुरक्षा नहीं होती थी। उन्हें वहां पर समानता का अधिकार नहीं मिला था। जो अल्पसंख्यक धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत में आए, उन्हें यहां पर सुविधा नहीं मिली।
गृह मंत्री ने बताया कि पाकिस्तान में पहले 20 फीसदी अल्पसंख्यक थे, लेकिन आज 3 फीसदी ही बचे हैं। इस बिल के जरिए हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, ईसाई, पारसी शरणार्थियों को रियातत मिलेगी।
अमित शाह ने राज्यसभा में दोपहर 12 बजे नागरिकता संशोधन बिल को पेश किया था। बाद में इस बिल पर ऊपरी सदन में चर्चा हुई।नागरिकता संशोधन विधेयक 2019, राजसभा, संसद, अमित शाह