सिंगर ने लता मंगेशकर को दी थी टक्कर, इस निर्णय से बर्बाद हुआ करियर

बॉलीवुड इंडस्ट्री की महान फनकार जिनकी आवाज में जादू था। दर्शक जिनकी आवाज के दिवाने थे। लेकिन इस पॉपुलर सिंगर की आवाज सालों पहले कहीं गुम सी हो गई है। इस सिंगर का ना है अनुराधा पौडवाल। दरअसल, अनुराधा लाइमलाइट से दूर रहती हैं आज वह अपना 67वां जन्मदिन सेलीब्रेट कर रही हैं। 

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Anuradha-Paudwal

बॉलीवुड इंडस्ट्री की महान फनकार जिनकी आवाज में जादू था। दर्शक जिनकी आवाज के दिवाने थे। लेकिन इस पॉपुलर सिंगर की आवाज सालों पहले कहीं गुम सी हो गई है। इस सिंगर का ना है अनुराधा पौडवाल। दरअसल, अनुराधा लाइमलाइट से दूर रहती हैं आज वह अपना 67वां जन्मदिन सेलीब्रेट कर रही हैं।

अनुराधा 80 के दशक में एक बेहतरीन गायिका के तौर पर उभरी थीं। बॉलीवुड का ये वो दौर था जिसमें लता मंगेशकर, आशा भोसले और अल्का याग्निक जैसी गायिकाओं ने अपनी गायकी के झंडे गाड़े थे । लेकिन अनुराधा जब आईं तो इन सभी को उन्होंने कड़ी टक्कर दी।

अनुराधा को गुलशन कुमार और टी-सिरीज की खोज भी कहा जाता था। गुलशन कुमार उन्हें दूसरी लता मंगेशकर बनाना चाहते थे।अनुराधा पौडवाल ने अपने सिंगिंग करियर की शुरुआत 1973 में आई अमिताभ बच्चन और जया भादुड़ी स्टारर फिल्म ‘अभिमान’ से की थी। लेकिन उन्हें पहला बड़ा ब्रेक 1976 में सुभाष घई ने अपनी फिल्म ‘कालीचरन’ में दिया था।

फिल्म ‘कालीचरन’ के बाद अनुराधा ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने एक के बाद एक लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल, कल्याणजी-आनंदजी और जयदेव जैसे संगीतकारों के साथ काम किया । इस दौरान लता मंगेशकर और आशा भोसले के साथ उनके विवाद की भी खबरें आईं । जिसकी वजह से वो खुद भी दूसरे संगीतकारों के रडार पर आ गईं। उस दौर में गुलशन कुमार की म्यूजिक कंपनी टी-सिरीज सबसे बड़ी कंपनी थी। हर कोई उनके साथ काम करना चाहता था।

अनुराधा पौडवाल ने अपने करियर को नया आयाम देने के लिए गुलशन कुमार के साथ हाथ मिला लिया और उनके लिए गाने गाए। सफलता ने अनुराधा के ऐसे कदम चूमे कि ‘आशिकी’, ‘दिल है कि मानता नहीं’ और ‘बेटा’ जैसी फिल्मों के लिए उन्हें लगातार तीन फिल्मफेयर अवॉर्ड मिले।

इस दौरान अनुराधा गुलशन कुमार की भी पसंदीदा गायिका बन गईं। हर जगह और हर मामले में वो अनुराधा पौडवाल को सपोर्ट करने लगे। इसी बीच इंडस्ट्री में गुलशन कुमार और अनुराधा के अफेयर की चर्चाओं ने जोर पकड़ा। हालांकि, इस पर किसी ने भी खुलकर कुछ नहीं कहा।

कहा जाता है कि अनुराधा जिस रफ्तार से आगे बढ़ रहीं थीं उससे लग रहा था कि लता मंगेशकर का दौर खत्म हो गया है। खुद कंपोजर ओपी नायर ने भी कहा था कि लता का दौर अब खत्म हो चुका है।

अनुराधा ने उन्हें रिप्लेस कर दिया है। वहीं गुलशन कुमार ने अनुराधा पौडवाल से कहा कि वो उन्हें दूसरी लता मंगेशकर बनाएंगे। इसके बाद उन्होंने उसी दिशा में काम करना शुरू कर दिया। लेकिन अचानक अनुराधा पौडवाल ने अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा फैसला लिया और कहा कि अब वो सिर्फ टी-सिरीज के लिए ही गाने गाएंगी।

अनुराधा के इस फैसले से लोगों को लगने लगा कि गुलशन कुमार और अनुराधा पौडवाल के बीच अफेयर की खबरें सच हैं। अनुराधा के लिए सिर्फ टी-सिरीज के लिए गाने देने का फैसला गलत साबित हुआ। क्योंकि इसके बाद टी-सीरीज से बाहर के सभी गाने अल्का याग्निक और बाकी गायिकाओं को मिल गए।

वहीं अनुराधा ने भजन और आरती गानी शुरू कर दीं, लिहाजा उनका करियर डूब गया और कई सालों तक उन्होंने किसी फिल्म या म्यूजिक कंपनी के लिए नहीं गाया। इतना ही नहीं अनुराधा ने गुलशन कुमार की मौत के फिल्मी गाने गाना छोड़ ही दिए।

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