AIR : एनसीआर के इलाकों में इन दिनों सांस लेना मुश्किल हो चुका है। इस बार दिवाली से पहले ही वायु प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा बढ़ चुका है। मंगलवार को नोएडा का एक्यूआई 329 और ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई 375 के पार पहुंच चुका है। वायु प्रदूषण का यह बढ़ता स्तर कई गंभीर बीमारियां होने की तरफ संकेत दे रहा है । इसकी वजह से लोगों को सांस लेने में परेशानी, नाक बहना और आंखों में जलन जैसी समस्याएं हो रही हैं। इसके कारण मौतें और श्वास रोग होते हैं। वायुमंडल में गैसों का एक निश्चित प्रतिशत मौजूद है। इन गैसों की संरचना में वृद्धि या कमी अस्तित्व के लिए हानिकारक है। जहांगीरपुरी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 412 रहा। वहीं, नेहरू नगर में 403 एक्यूआई दर्ज किया गया है। इसके अलावा अन्य क्षेत्रों का स्तर काफी ज्यादा गंभीर है।
मुख्य रूप से पिछले तीन दिनों से दिल्ली में प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा बढ़ रहा है। ऐसे में हर व्यक्ति को प्रदूषण से सुरक्षित रहने की हिदायत दी जा रही है। खासतौर पर अगर आपको सांस से जुड़ी बीमारी है, तो अपने शरीर का विशेष ध्यान रखें। क्योंकि इन बढ़ते प्रदूषण स्तर की वजह से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस के मरीज काफी ज्यादा प्रभावित होते हैं।एक्सपर्ट्स के अनुसार इतने ज्यादा प्रदूषण में थोड़ी सी देर के लिए रहना भी आपकी सेहत के लिए इतना खतरनाक है जिसने एक साथ कई सिगरेट पी लेना होता है। जिस प्रकार सिगरेट आपके फेफड़ों को नुकसान पहुंचाती है, उसी प्रकार ये प्रदूषण भी आपके लंग्स डैमेज कर रहा है।
वायु प्रदूषण होने के कारण (AIR)
1. भारत में बहुत सारे उद्योग और पावर प्लांट हैं जहाँ से दूषित धुएँ का उत्सर्जन होता है। पावर प्लांट और उद्योगों के कारण अत्यधिक मात्रा में वायु प्रदूषण होता है।
2. हमारे घरों और ऑफ़िस में लगे एयर कंडीशनर से क्लोरोफ्लोरो कार्बन निकलते हैं जो हमारे वातावरण को गंभीर रूप से दूषित करते हैं सार्वजनिक वाहनों की जगह निजी वाहनों का इस्तेमाल करने से गाड़ियों से निकलने वाला दूषित धुंआ हवा में प्रदूषण फैलाता है।