Ahoi Ashtami: इस साल अहोई अष्टमी का व्रत 17 अक्टूबर को रखा जाएगा। यह दिन हिन्दू नारियों के लिए बहुत बड़ा दिन है। इस दिन महिलाएं निर्जल व्रत रखकर अपनी संतानों के लिए लंबी आयु का वरदान प्राप्त करती है। साथ ही संतान प्राप्ति के लिए मनोकामना करती है।
तारे देखकर खोला जाता है व्रत
महिलाएं शाम को तारे देखकर अपने व्रत को खोलती है। इस बार अहोई अष्टमी पर एक शुभ संयोग बन रहा है। आपको हम अहोई अष्टमी पर बन रहे शुभ संयोग और पूजा विधा शुभ मुहूर्त के बारे में बताते हैं।
अहोई अष्टमी पर बन रहा शुभ संयोग
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12 बजे से लेकर 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगा।
अमृत काल -सुबह 02 बजकर 31 मिनट, अक्टूबर 18 से, सुबह 04 बजकर 19 मिनट, अक्टूबर 18 तक रहेगा।
सर्वार्थ सिद्धि योग- सुबह 05 बजकर 13 मिनट, अक्टूबर 18 से सुबह 06 बजकर 33 मिनट, अक्टूबर 18 तक रहेगा।
शिव योग- 17 अक्टूबर, सुबह से लेकर शाम 04 बजकर 02 मिनट तक रहेगा।
अहोई माता की पूजा विधि
बता दे कि, करवा चौथ (Karwa Chauth) के चौथे दिन के बाद ही अहोई माता (Ahoi Mata Vrat) का व्रत रखा जाता है। करवा चौथ पर महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती है तो अहोई अष्टमी के दिन अपने संतान की लंबी आयु की पूजा करती है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अहोई माता की पूजा के लिए दीवार पर पीली मिट्टी से आठ कोष्ठक की एक पुतली बनाई जाती है। साथ ही आपको बता दें कि यह कार्य शाम के समय घर के उत्तर तरफ की दिशा की दीवार पर करें। उसी के पास उसके बच्चों का आकार बनाया जाता है और विधि-विधान के साथ स्नान करके तिलक आदि लगाना चाहिए। इसके बाद उन्हें खाने का भोग भी लगाना चाहिए।
अहोई अष्टमी 2022 का शुभ मुहूर्त
अष्टमी तिथि का प्रारंभ: 17 अक्टूबर, सोमवार, सुबह 09 बजकर 29 मिनट से आरंभ हो जाएगा।
अष्टमी तिथि का समापन: 18 अक्टूबर, मंगलवार, सुबह 11 बजकर 57 मिनट पर होगा।
पूजा का शुभ मुहूर्त: शाम 06 बजकर 14 मिनट से शाम 07 बजकर 28 मिनट तक रहेगा।