Akhilesh Yadav in Varanasi: उत्तर प्रदेश में प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी की फिलहाल स्थिति कुछ ठीक-ठाक नहीं कही जा सकती। 2017 विधानसभा चुनावों के बाद से बीजेपी से लगातार चुनावों में मिल रही हार के बाद धीरे-धीरे अखिलेश के अपने दूर हो रहे हैं। अब चाहे वो गठबंधन के सहयोगी हों या उनके चाचा शिवपाल। ओम प्रकाश राजभर की सुभासपा इसी कड़ी का बड़ा हिस्सा है। राजभर AC कमरे से बाहर निकलने, सम्मान न मिलने जैसे तमाम आरोप लगाकर गठबंधन से दूर हो गए। वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी अपने अंदाज में पलटवार करते हुए पत्र जारी किया कि जहां सम्मान मिलता हो वहां जा सकते हैं।
बहरहाल, समाजवादी पार्टी के लिए अगली बड़ी चुनौती 2024 में होने वाले आम चुनाव हैं। सपा की रणनीति इन चुनावों में क्या होगी? इसे लेकर तमाम कयास लगाए जा रहे हैं। लेकिन इस बीच अखिलेश अचानक से हिंदुत्व को लेकर चर्चा में आ गए हैं। हालांकि हमेशा से ही अखिलेश यादव धर्म को व्यक्तिगत आस्था का विषय बताते रहे हैं लेकिन हाल के कुछ घटनाक्रम नए इशारे कर रहे हैं।
कांवड़ियों पर योगी के साथ अखिलेश ?
लखनऊ के सत्ता के गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है। हाल ही में अखिलेश यादव की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। इसमें वह अपनी पत्नी डिम्पल यादव के साथ रुद्राभिषेक करते दिखाई दे रहे थे। इस तस्वीर को उनकी पार्टी की नेता जूही सिंह ने ट्वीट किया था, जिसपर तमाम यूजर्स ने कमेंट किए। अब आज वाराणसी में कांवड़ियों के स्वागत सम्मान की बात करते हुए अखिलेश यादव कहीं न कहीं सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ खड़े नजर आए।
दरअसल अखिलेश यादव गुरुवार को वाराणसी (Akhilesh Yadav in Varanasi) पहुंचे तो यहां उन्होंने कांवड़ियों पर फूलों की बारिश को लेकर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी की आपत्ति पर कहा कि कांवड़ियों का सम्मान होना चाहिए। मामला धर्म का है और धर्म में बहस नहीं होनी चाहिए। मैं धर्म पर तर्क नहीं कर सकता। आपको बता दें कि असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि उत्तर प्रदेश सरकार कांवड़ियों पर फूलों की बारिश कर रही है और हमारे लोगों के घर पर बुलडोजर चलाती है, ये भेदभाव क्यों। अगर सबका साथ सबका विकास है, तो हमारे भी पैर की मालिश करो, हमारे घर तो आप बुलडोजर भेज देते हैं। पुलिस के लोग कांवड़ियों का स्वागत कर रहे हैं, बहुत अच्छी बात है, हमको तो आप उठाकर जेल में ले जाते हो।
भोले बाबा पर दूध चढ़ाने पर टैक्स
पत्नी डिम्पल के साथ रुद्राभिषेक की तस्वीर वायरल होने पर जब अखिलेश से सवाल किया गया कि हिंदुत्व की क्या जरूरत पड़ने लगी तो उन्होंने कहा कि मुझे भाजपाइयों से धर्म नहीं सीखना है। भाजपाइयों का धर्म केवल इस्तेमाल करने के लिए है। अगर भाजपाई इतने ही धर्म वाले हैं तो बताओ दूध पर टैक्स क्यों लगाया इन्होंने? दही पर टैक्स क्यों लगाया? जो बाबा भोलेनाथ पर चढ़ेगा दूध, क्या वो टैक्स वाला दूध नहीं होगा क्या? अखिलेश ने कहा कि भोले बाबा पर दूध चढ़ाने पर अगर टैक्स किसी ने लगाया तो वह बीजेपी है। जनमाष्टमी आ रही है तो दूध, दही, मक्खन पर टैक्स लगा दिया।
अब देखना होगा कि यूपी में हिंदुत्व वाली राजनीति किस करवट बैठती है।