Hanuman chalisa row: महाराष्ट्र में हनुमान चालीसा विवाद अब गहराता जा रहा है. अमरावती की सांसद नवीनीत राणा और पति विधायक रवि राणा को बांद्रा मजिस्ट्रेट की अदालत ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. अदालत में अब उन दोनों की जमानत अर्जी पर सुनवाई 29 अप्रैल को होगी, मुंबई पुलिस ने उन्हें 27 अप्रैल को जमानत याचिका पर अपना पक्ष रखने को कहा है. बता दें कि सांसद नवनीत राणा ने सीएम महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के घर मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने का ऐलान किया था, जिसके बाद शनिवार को जमकर विवाद हुआ. शिवसैनिकों ने राणा के घर को घेर लिया था, जिसके बाद शनिवार को उन्हें गिरफ्तार किया गया था, और आज कोर्ट ने उन्हें ज्यूडिशल कस्टडी में भेजने का आदेश दिया है।
अदालत में क्या कहा सरकारी वकील ने?
अदालत में काफी जिरह हुई. सरकारी वकील ने कहा कि इसमें राजद्रोह का मामला भी बनता है. राणा दंपति ने शिवसैनिकों को भड़काने का काम किया. इस वजह से लॉ एंड ऑर्डर गड़बड़ाया. यही वजह है कि इसके तहत धाराओं में कार्रवाई की गई है.
कोर्ट में क्या कहा बचाव पक्ष ने?
वहीं, राणा दंपति के वकील ने कहा कि इस मामले में ऐसे गिरफ्तारी नहीं हो सकती. यह पूरी तरह से अवैध है. साथ ही कहा कि राजद्रोह का मामला काफी पेचीदा है, है, क्योंकि जब इस तरह का मामला लगाया जाता है, तो उसके लिए गहन चिंतन की जरूरत होती है. बचाव पक्ष ने कहा कि कई बार पुलिस बिना वजह ही इस तरह की धाराएं लगा देती है. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया.
आखिर विवाद की जड़ क्या है?
राणा दम्पति ने शुक्रवार को उद्धव ठाकरे के घर ‘मातोश्री’ के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने का ऐलान किया था. राणा दम्पति के इस ऐलान के बाद सुबह से ही उनके घर के बाहर शिवसैनिक भारी संख्या में जुट गए. उन्होंने दिनभर राणे दंपत्ति के घर के बाहर हंगामा किया. शिवसैनिकों ने राणे दम्पति पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया. पुलिस में दर्ज करवाई गई शिकायत में शिवसैनिकों ने कहा उनके लिए मातोश्री मंदिर दिर की तरह है. शिवसैनिकों ने कहा कि राणा दंपति ने उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाई है.