AAP: दिल्ली के मंत्री कैलाश गहलोत को उत्पाद शुल्क नीति घोटाले पर प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पांच घंटे की पूछताछ का सामना करना पड़ा। उन्होंने अपने सरकारी बंगले में रहने वाले आप के संचार प्रभारी विजय नायर के बारे में अनभिज्ञता का दावा किया।
प्रवर्तन निदेशालय(ED) ने शनिवार को आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता कैलाश गहलोत से आबकारी नीति घोटाले(Excise Policy Scam) के सिलसिले में पांच घंटे तक पूछताछ की। दिल्ली के परिवहन मंत्री उन मंत्रियों के समूह का हिस्सा थे जिन्होंने 2021 में विवादास्पद शराब योजना की तैयारी और कार्यान्वयन पर काम किया था। उन्हें पूछताछ के लिए सुबह 11:30 बजे के आसपास ईडी कार्यालय में प्रवेश करते देखा गया था। मामले के सिलसिले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल(CM Arvind Kejriwal) की गिरफ्तारी के कुछ ही दिन बाद यह घटनाक्रम सामने आया है।
पूछताछ में पूछे गए सवाल
- ईडी के आरोप पत्र में यह आरोप लगाया गया है कि दिल्ली के मंत्री ने एक ही सिम(SIM) नंबर संभाला लेकिन उसका IMEI (अंतरराष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान) तीन बार बदला गया है।
- आप के वरिष्ठ नेता ने ED को बताया कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि नायर आवंटित सरकारी बंगले में रह रहे थे।
- सूत्रों के हवाले से आ रही खबरों के मुताबिक, गहलोत से 2021-22 के लिए आबकारी नीति के निर्माण को लेकर सवाल किया गया। वरिष्ठ राजनेता ने कहा कि उन्हें बुलाया गया था, ”संभवत: मैं जीओएम का हिस्सा था।’ नीति और मैंने अपनी सर्वोत्तम जानकारी और याददाश्त के अनुसार उत्तर दिया।”
- उन्होंने आगे कहा कि आरोप है कि कथित दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाले का पैसा AAP ने तटीय राज्य में विधानसभा चुनावों में खर्च किया था। हालांकि मंत्री ने कहा कि वह गोवा में विधानसभा चुनाव में शामिल नहीं थे।उन्होंने कहा, “मुझे गोवा के बारे में कोई जानकारी नहीं है और मैं कभी भी चुनाव प्रचार का हिस्सा नहीं रहा और मुझे कोई जानकारी नहीं थी कि वहां का प्रभारी कौन था या क्या गतिविधियां हो रही थीं।”
- आप नेता ने कहा कि उन्होंने एजेंसी के सभी सवालों का जवाब दिया और जांच में सहयोग करना जारी रखेंगे। उन्होंने बाद में संवाददाताओं से यह भी कहा कि किसी अन्य व्यक्ति या बयान से कोई जिरह या टकराव नहीं हुआ।