Rajyasabha Election: राज्यसभा चुनाव 2022 मेें उत्तर प्रदेश से समाजवादी पार्टी ने तीसरी सीट पर उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया हैं। कयास लागाए जा रहे थे की उस उम्मीदवार में नाम डिंपल यादव के भी होगा पर यह उम्मीदवार डिंपल यादव नहीं हैं। बता दें की बुधवार तक समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर चर्चा के केंद्र में बनी डिंपल यादव (Dimple Yadav) का पत्ता कट गया है। उनके स्थान पर राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) को राज्यसभा भेजने की तैयारी कर ली है।
समाजवादी पार्टी की ओर से जयंत चौधरी के नाम का ऐलान हो गया। इस प्रकार राज्यसभा चुनाव 2022 में समाजवादी पार्टी का केवल एक ही नेता राज्यसभा जा रहा है। दो सीटों पर पार्टी ने अलग-अलग उम्मीदवारों को उतार कर राज्यसभा का रास्ता उनके लिए खोला है। उत्तर प्रदेश के कोटे की खाली हो रही 11 राज्यसभा सीटों में विधानसभा में पार्टी के विधायकों की संख्या के आधार पर तीन सीट बनती है। तीनों पर अब पार्टी की ओर से उम्मीदवार तय कर दिए गए हैं।
समाजवादी पार्टी की ओर से कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल को राज्यसभा भेजने का फैसला लिया। इसके बाद चाचा प्रो. रामगोपाल यादव की नाराजगी सामने आई। बाहर के व्यक्ति को लाकर राज्यसभा भेजने के प्रस्ताव के विरोध में वे खड़े हुए तो मामला गरमा गया। पार्टी की अंदरूनी राजनीति से बेहाल अखिलेश यादव ने रामगोपाल के करीबी जावेद अली खान को राज्यसभा भेजने की बात कर चाचा को मनाया।
बुधवार को कपिल सिब्बल और जावेद अली खान ने राज्यसभा का नामांकन कर दिया। इसके बाद से डिंपल यादव के नाम की चर्चा चल रही थी। लेकिन, इस बीच जयंत चौधरी की नाराजगी का मामला सामने आ गया। इसके बाद डिंपल यादव को साइड कर अखिलेश ने वर्ष 2024 को ध्यान में रखते हुए जयंत को राज्यसभा भेजने की रणनीति बना ली।
क्या जयंत चौधरी को साधकर, अखिलेश जाट वोटरों का जीत पाएंगे?
यूपी चुनाव 2022 के रिजल्ट आने के बाद से अखिलेश यादव और जयंत चौधरी के बीच संवाद कम हो गया था। आजम खान की नाराजगी सामने आने के बाद जयंत चौधरी ने जब रामपुर पहुंच कर उनके परिवार से मुलाकात की तो कई बातें उठने लगी थीं। सवाल यह भी उठा था कि क्या आजम खान जयंत चौधरी के साथ जाएंगे। हालांकि, जयंत चौधरी ने गठबंधन धर्म का हवाला देकर इस मुलाकात की बात को अलग मोड़ दे दिया। अखिलेश मानकर चल रहे हैं कि जयंत चौधरी को साधकर वे जाट वोटरों को साधेंगे ही। साथ ही, आजम खान की परेशानी वाले दिनों में परिवार से मुलाकात करने वाले जयंत चौधरी के जरिए वे उन्हें भी मनाने में कामयाब होंगे। ऐसे में डिंपल यादव की जगह आखिरी समय में उन्हें राज्यसभा भेजने की तैयारी की गई है।
सांसद रह चुके हैं जयंत चौधरी
चौधरी चरण सिंह के पोते 43 वर्षीय जयंत चौधरी पारीवारिक राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। वे वर्ष 2009 से 2014 के बीच मथुरा लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं। मोदी लहर में वे 2014 का लोकसभा चुनाव हार गए। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी उन्हें वह सफलता नहीं मिली। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव के साथ मिलकर चुनाव लड़ा, लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट मुस्लिम समीकरण को बना पाने में वे कामयाब नहीं हुए। चुनाव के बाद से ही जयंत चौधरी के राज्यसभा भेजने की चर्चा शुरू हो गई थी। लेकिन, पिछले दिनों लगातार सपा की ओर से तय किए गए नामों में उनके नाम की चर्चा नहीं थी। ऐसे में जयंत के छिटकने का खतरा बनने लगा था। अखिलेश ने अपने फैसले से उन्हें साथ जोड़ा है।
क्या डिंपल लड़ेंगी लोकसभा चुनाव?
डिंपल यादव अब लोकसभा चुनाव लड़ सकती हैं। वे अखिलेश यादव की ओर से खाली की गई आजमगढ़ लोकसभा सीट पर अपनी उम्मीदवारी पेश कर सकती हैं। आजमगढ़ और रामपुर में लोकसभा चुनाव होना है। रामपुर से आजम खान ने सीट खाली की है। माना जा रहा है कि आजम खान अपनी पत्नी तंजीन फात्मा को रामपुर से चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी में हैं। ऐसे में यूपी के राजनीतिक मैदान में समीकरणों का बनना और बिगड़ना जारी है।