बरेली: मजदूरों पर केमिकल की बारिश के मामले में जिला प्रशासन ने मानी गलती…

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मजदूरों पर केमिकल के छिड़काव की तस्वीर !

यूपी के बरेली में दिल्ली से वापस हो रहे मजदूरों को सैनिटाइजर से नहलाने के मामले में जिला प्रशासन ने अपनी गलती मानते हुए जिलाधिकारी ने कहा, अतिसक्रियता की वजह से यह कार्रवाई की गई है. हम जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे. दरअसल, इस मामले को विपक्ष ने जोर शोर से उठाते हुए योगी सरकार और यूपी पुलिस की जमकर निंदा की थी.

बरेली के जिलाधिकारी ने कहा, ‘इस वीडियो की पड़ताल की गई, प्रभावित लोगों का सीएमओ के निर्देशन में उपचार किया जा रहा है. उन्होंने कहा बरेली नगर निगम एवं फायर ब्रिगेड की टीम को बसों को सैनेटाइज़ करने के निर्देश थे, लेकिन अति सक्रियता के चलते उन्होंने ऐसा किया. जिलाधिकारी ने दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

बता दें कि बरेली के सेटेलाइट अड्डे पर दिल्ली से लौट रहे मजदूर बस का इंतजार कर रहे थे. इसी बीच वहां पुलिस पहुंच गई और सबको एक लाइन में बैठाया. इसके बाद उन्हें सोडियम हाईपोक्लोराइड युक्त पानी से नहलाया. मतलब मजदूरों पर सैनिटाइजर से छिड़काव किया था. कुछ लोगों की आंखें लाल हो गई तो कुछ छोटे बच्चे रोने लगे. स्प्रे के बाद लोग जान छुड़ाकर भागे.

मजूदरों को सैनिटाइजर से नहलाने का वीडियो वायरल होने के बाद विपक्ष ने योगी सरकार की आलोचना की. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा था, ‘यूपी सरकार से गुजारिश है कि हम सब मिलकर इस आपदा के खिलाफ लड़ रहे हैं लेकिन कृपा करके ऐसे अमानवीय काम मत करिए. मजदूरों ने पहले से ही बहुत दुख झेल लिए हैं. उनको केमिकल डाल कर इस तरह नहलाइए मत. इससे उनका बचाव नहीं होगा, बल्कि उनकी सेहत के लिए और खतरे पैदा हो जाएंगे.’

वहीं, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस पर कई सवाल पूछ थे, ‘यात्रियों पर सेनिटाइज़ेशन के लिए किए गए केमिकल छिड़काव से उठे कुछ सवाल, क्या इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देश हैं? केमिकल से हो रही जलन का क्या इलाज है? भीगे लोगों के कपड़े बदलने की क्या व्यवस्था है? भीगे खाने के सामान की क्या वैकल्पिक व्यवस्था है.’

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