पाकिस्तान के बालाकोट कैंप में बीते साल 26 फरवरी की सुबह भारतीय वायुसेना के एयरस्ट्रइाक में तबाह हुआ था। 14 फरवरी को हुए जम्मू-कश्मीर के पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने 26 फरवरी की देर रात इसका बदला लिया था और पाकिस्तान के बालाकोट में स्थित जैश के आतंकी कैंप को नेस्तानबूद कर दिया था। भारतीय वायुसेना के इस एयर स्ट्राइक में जैश के करीब 250 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया था। भारत ने इसका वीडियो जारी कर सबूत भी दिखाए थे।
आपको बता दें कि 14 फरवरी को जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सीआरपीएफ का काफिला गुजर रहा था। इसी दौरान सड़के के दूसरी तरफ से आती कार ने वाहन में टक्कर मार दी जिसके साथ ही एक जबरदस्त धमाका हुआ। इस घटना में सीआरपीएफ के करीब 42 जवान शहीद हो गए। यह हमला इतना आत्मघाती था कि आज भी लोग इससे डर जाते हैं।
इस पुलवामा आतंकी हमले से पूरा देश सन्न था, भारत का हर नागरिक आतंकियों से इसका बदला लेना चाहता था। इतना ही नहीं सरकार ने भी पुलवामा के शहीदों की शहादत का बदला लेने के लिए 12 दिन बाद 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में स्थित आतंकी कैंप पर हमला कर दिया। सरकार ने भारतीय वायुसेना को चुना था जिसकी सहायता से 26 फरवरी की सुबह बालाकोट में आसमान से बमवर्षा शुरू कर दी। आपको बता दें कि वायुसेना के इस एयर स्ट्राइक में जैश के न सिर्फ आतंकी ठिकाने तबाह हुए, बल्कि 250 से अधिक आंतकियों को मौत के घाट भी उतार दिया गया।
जब भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान 26 फरवरी की सुबह पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर बम बरसा रहे थे तब वहां लोग गहरी नींद में सो रहे थे। भारतीय वायुसेना का ये हमला इतना खौफनाक था, ऐसा महसूस हो रहा था मानों भूंकप के तेज झटकों से जमीन कांप रही है। बालाकोट के निवासी मोहम्मद आदिल ने कहा था कि सुबह तीन बजे के आसपास का समय था जब बाहर से बहुत खौफनाक आवाज आने लगी। ऐसा लग रहा था मानों कोई जलजला आया हो। हम सब एक झटके में उठकर बैठ गए।
उसने आगे बताया कि पांच-दस मिनट बाद एहसास हुआ कि बम धमाका हुआ है। इसके बाद हम दुबारा सो नहीं पाए, पल-पल यही डर सताता रहा कि कही कोई और बम न गिर जाए। आपको बता दें कि भारतीय वायु सेना की तरफ से पाकिस्तान के बालाकोट में जैश ए मोहम्मद के आतंकि शिविर पर ये मिशन 90 सेकेंड के अंदर अंजाम दिया गया था। इस ऑपरेशन के लिए काफी सीक्रेसी भी रखी गई थी, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसे अंजाम देने वाले पायलट के परिवार के सदस्यों को भी इस बारे में कुछ नहीं मालूम था।