सोशल मीडिया के दुुरुपयोग पर SC ने जताई चिंता, जज बोले- सोच रहा हूं कि स्मार्ट फोन यूज करना ही छोड़ दूं

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सोशल मीडिया के दुरुपयोग से सुप्रीम कोर्ट चिंतित, सरकार को दिशा निर्देश जारी करने के दिए आदेश

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर गहरी चिंता जताई है। इस बाबत सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जल्द से जल्द दिशानिर्देश जारी करने के आदेश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सोशल मीडिया का दुरुपयोग हो रहा है जो खतरनाक होने के साथ-साथ चिंताजनक भी है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इससे निपटने के लिए सरकार को जल्द से जल्द कदम उठाने चाहिए साथ ही प्राथमिकता के आधार पर विचार करना चाहिए।

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जस्टिस दीपक गुप्ता ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सोशल मीडिया को दुरुपयोग रोकने के लिए सख्त दिशा- निर्देश जारी होने चाहिए। हमारी निजता की रक्षा होनी चाहिए। उन्होंने यहां तक कह दिया कि वो सोच रहे हैं कि स्मार्टफोन का इस्तेमाल करना ही बंद कर दें। हम लोग इंटरनेट को लेकर इतने चिंतित क्यों रहते हैं। हमें तो अपने देश की चिंता करनी चाहिए। इसके साथ ही जस्टिस दीपक गुप्ता ने कहा कि हमें इसकी सख्त जरूरत है कि ऑनलाइन अपराध और सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारी डालने वाले लोगों को ट्रैक किया जाना चाहिए। हम इसे ऐसे ही ये कहकर नहीं छोड़ सकते कि हमारे पास इसे रोकने की टेक्नोलॉजी नहीं है। अगर सरकार के पास इसे रोकने की तकनीक है तो इसे रोके।

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जस्टिस गुप्ता ने कहा कि सरकार पावरफुल है। उसके पास ये सब रोकने के असीमित अधिकार हैं। लेकिन किसी के निजी अधिकारों का क्या? उनकी भी रक्षा की जानी चाहिए। सरकार को सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए गाइडलाइन बनानी चाहिए। लोगों की निजता को बचाये रखने के लिए सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारी डालने वालों को ट्रेस करना चाहिए।

उन्‍होंने कहा कि कोई हमें नाहक ही परेशान करते हुए हमें सोशल मीडिया पर ट्रोल क्यों करे और हम उसे अपने चरित्र पर झूठे तथ्यों के जरिये कीचड़ क्यों उछालने दें? सरकार इस मसले पर खुद ध्यान दे सकती है। लेकिन निजी लोगों का क्या? उनके लिए क्या उपाय हो सकते हैं, इनसे बचने के लिए? लिहाजा सरकार 3 सप्ताह में हलफनामा दायर कर कोर्ट के समक्ष एक टाइम लाइन पेश करे कि वह मामले में कब तक गाइडलाइन तैयार कर सकती है?

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