नई दिल्ली: चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच ने बुधवार को एक बड़ा फैसला सुनाया। दरअसल, अब मुख्य न्यायाधीश (CJI) का ऑफिस भी सूचना के अधिकार यानी RTI के तहत आएगा। हालांकि, दफ्तर की गोपनीयता को बरकरार रखा जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है, ‘CJI ऑफिस एक पब्लिक अथॉरिटी है। इसलिए अब ये RTI के तहत आएगा। CJI के RTI के तहत आने से जवाबदेही से पारदर्शिता और बढ़ेगी। इससे न्यायिक स्वायत्तता, पारदर्शिता मजबूत होगी। इसके साथ ही ये भाव भी मजबूत होगा कि कानून से ऊपर कोई नहीं है, सुप्रीम कोर्ट के जज भी नहीं हैं।’
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सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के आर्टिकल 124 के तहत इस फैसले को लिया है। 5 जजों वाली इस संवैधानिक पीठ में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एस. खन्ना, जस्टिस गुप्ता, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस रमन्ना शामिल थे।
दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को रखा बरकरार
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने इस फैसले में दिल्ली हाईकोर्ट के द्वारा 2010 में दिए गए फैसले को बरकरार रखा है।