Delhi: केंद्रीय गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने राजीव गांधी फाउंडेशन (Rajiv Gandhi Foundation) में फंडिंग (Founding) को लेकर बड़ा फैसला किया है. गृह मंत्रालय ने एक कमेटी बनाई है, जो इन फाउंडेशन की फंडिंग, इनके द्वारा किए गए उल्लंघनों की जांच करेगी. सिमांचल दास, स्पेशल डायरेक्टर (प्रवर्तन निदेशालय) इस कमेटी की अगुवाई करेंगे. बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय के प्रवक्ता की ओर से इस बारे में ट्वीट कर जानकारी दी गई. ट्वीट में कहा गया, ‘केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अंतर-मंत्रालय कमेटी का गठन किया है, जो कि राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट (Rajiv Gandhi Charitable Trust) और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट (Indira Gandhi Memorial Trust) की जांच करेगी. इस जांच में PMLA एक्ट, इनकम टैक्स एक्ट, FCRA एक्ट के नियमों के उल्लंघन की जांच की जाएगी.
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सूत्रों के अनुसार ट्रस्ट से जुड़ी फंडिंग की जांच तीन अलग-अलग एजेंसियां करेंगी. इनमें सीबीआई की टीम FCRA एक्ट के तहत मामले को जांचेगी, इसके अलावा ED की टीम PMLA उल्लंघन की और आयकर विभाग टैक्स जुड़े मामले की जांच करेगा. दरअसल, भारत और चीन के बीच जारी विवाद के बीच जब कांग्रेस (Congress) पार्टी ने केंद्र सरकार पर हमला शुरू किया गया तो भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उल्टा कांग्रेस को घेर लिया. भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) की ओर से आरोप लगाया गया कि राजीव गांधी फाउंडेशन (Rajiv Gandhi Foundation) को चीन से फंडिंग मिलती थी.
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इसके अलावा देश के लिए जो प्रधानमंत्री राहत कोष बनाया गया था, उससे भी यूपीए सरकार ने पैसा राजीव गांधी फाउंडेशन को दिया था. बीजेपी का आरोप था कि 2005-08 तक PMNRF की ओर से राजीव गांधी फाउंडेशन को ये राशि मिली थी. हालांकि, जवाब में कांग्रेस ने इन सभी आरोपों को नकार दिया था और कहा था कि राजीव गांधी फाउंडेशन देश का फाउंडेशन है और इसका काम सेवा के लिए किया जाता है. कांग्रेस ने कहा था कि राजीव गांधी फाउंडेशन को साल 2005-06 में PMNRF से 20 लाख रुपये की मामूली धनराशि मिली थी, जिसका इस्तेमाल अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में राहत कार्यों में खर्च किया गया था.