जीसी मुर्मू बने जम्मू-कश्मीर के पहले उप राज्यपाल, चीफ जस्टिस गीता मित्तल ने दिलाई शपथ

जम्मू-कश्मीर के केंद्रशासित प्रदेश बनते ही गिरीश चंद्र मुर्मू ने गुरुवार को प्रदेश के पहले उपराज्यपाल के तौर पर शपथ ग्रहण की। मुर्मू को जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस गीता मित्तल ने शपथ दिलाई।

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श्रीनगर: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के एक फैसले से अनुच्छेद 370 अब केवल इतिहास के पन्नों में ही दर्ज हो गया है। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर आज से केंद्र शासित प्रदेश बन गया है। आज से जम्मू-कश्मीर में कुछ ऐसे नियम और कानून लागू हो गए हैं जो अभी तक वहां लागू नहीं थे। जम्मू-कश्मीर के केंद्रशासित प्रदेश बनते ही गिरीश चंद्र मुर्मू ने गुरुवार को प्रदेश के पहले उपराज्यपाल के तौर पर शपथ ग्रहण की। मुर्मू को जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस गीता मित्तल ने शपथ दिलाई।

बता दें कि जीसी मुर्मू 1985 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस अफसर हैं। मुर्मू को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसेमंद अधिकारियों में से एक माना जाता है। वह गुजरात में मोदी के मुख्यमंत्री रहते हुए उनके प्रमुख सचिव रह चुके हैं। अब केंद्र सरकार की ओर से मुर्मू को जम्मू-कश्मीर में एलजी के पद की जिम्मेदारी दी गई है।

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गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का ऐतिहासिक फैसला लिया था। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग कर दिया गया और दोनों को केंद्रशासित प्रदेश घोषित कर दिया गया। 31 अक्टूबर से दोनों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश बन गए हैं, हालांकि दोनों राज्यों में काफी अंतर होगा। जहां जम्मू-कश्मीर पुडुचेरी की तरह विधानसभा वाला केंद्रशासित प्रदेश रहेगा वहीं, लद्दाख चंडीगढ़ की तरह बिना विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश रहेगा।

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